हॉट स्कूल गर्ल रोमांस स्टोरी

Dilshad Ahmad

हॉट स्कूल गर्ल रोमांस स्टोरी में पढ़ें कि मैं एक स्कूल के पास खड़ा था कि स्कूल की एक लड़की मुझसे टकरा गयी. गजब क्यूट चीज थी वो! उससे मेरी दोस्ती हो गयी. 

दोस्तो, मेरा नाम अभय है. मेरी उम्र 30 साल है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूं, रंग थोड़ा सांवला है, पर दिखने में ठीक-ठाक हूं. मेरे लंड का साइज काफी अच्छा है. 

लंड का रंग भी थोड़ा सांवला है पर लंड का टोपा थोड़ा गुलाबी है जो पूरा खुला हुआ है. दोस्तो, ये हॉट स्कूल गर्ल रोमांस स्टोरी मैं आपको बताने जा रहा हूं, वह शत प्रतिशत सच है. 

इस कहानी को पढ़ने के बाद कुंवारी लड़की हो, या शादीशुदा, स्कूल गर्ल हो या कॉलेज गर्ल … गारंटी से उन सभी की बुर रस से उनकी पैंटी गीली हो जाएगी. 

लंडधारियों का पानी बिना मुट्ठ मारे ही निकल जाएगा. यह बात आज से 6 महीने पहले की है. मैं सड़क पर अपने एक दोस्त का इंतजार कर रहा था. बगल में ही एक स्कूल था. 

स्कूल की छुट्टी होने वाली थी. जैसे ही छुट्टी हुई, सभी स्टूडेंट स्कूल से बाहर निकलने लगे. मैं थोड़ा आगे बढ़ा ही था कि एक लड़की जल्दी से निकलने के चक्कर में मुझसे टकरा गई. 

जैसे ही मेरी नजर उस लड़की पर गई, मैं उसे देखता ही रह गया. एकदम गोरी-चिट्टी, देखने में क़यामत लग रही थी. वह स्कूल ड्रेस में मस्त सेक्सी माल लग रही थी. सफ़ेद शर्ट के ऊपर से उसकी चूचियां मस्त उभरी हुई थीं. 

ऐसा लग रहा था कि चूचियां शर्ट फाड़ कर बाहर आ जाएंगी. नीचे उसकी स्कर्ट, जो उसके घुटनों तक आ रही थी … उस वजह से उसकी गोरी गोरी टांगें बहुत चमक रही थीं और बिजली सी ढा रही थीं. 

सच कहूँ तो मैं उसकी सुंदरता को शब्दों में बयान नहीं कर सकता. जैसे ही वह मुझसे टकराई, उसका बैग नीचे गिर गया. उसने मुझे प्यार भरे शब्दों में सॉरी बोला और बैग उठाने के लिए झुक गई. 

जैसे ही वह झुकी, तो मैं भी उसका बैग उठाने के लिए झुक गया. मेरा सर उसकी मुंडी से टकरा गया. उसने फिर से सॉरी बोला. फिर वह बैग लेकर बोली- थोड़ी जल्दी में थी, इसलिए टकरा गई! 

मैंने कहा- कोई बात नहीं. फिर वह एक छोटी सी स्माइल के साथ जाने लगी. उसको जाते हुए मैं पीछे से देखने लगा. थोड़ी आगे जाकर उसने भी एक बार घूम कर देखा और एक स्माइल देकर जाने लगी. 

अब मैं आप लोगों को उस लड़की के बारे में थोड़ा बता देता हूँ. उसका नाम प्रिया था, जो मुझे बाद में मालूम हुआ था. उसकी उम्र 18 या 19 की रही होगी. उसकी चूचियों की साइज 34B, कमर 30 और गांड की साइज 36 की थी, जो उसकी चुदाई के टाइम मुझे पता चला. 

उसके बाद मैं भी अपने दोस्त से मिला और अपने रूम पर आ गया. रूम पर आने के बाद भी मुझे उसकी याद बार बार आ रही थी. उसकी उभरी हुई गोल गोल चूचियां, उसके उभरे हुए चूतड़, मेरे लंड को खड़ा कर रहे थे. 

उस रात उसको याद करके मैंने दो बार मुट्ठ मारी. अगले दिन मैं फिर से वहीं गया; मुझे लगा शायद वह आज भी मिल जाए. हुआ भी वही, छुट्टी होने के बाद वह बाहर निकली. मैंने उसे देख लिया और उसने भी मुझे देख लिया. 

वह एक स्माइल देकर आगे निकल गई. मैंने भी उसे देख कर स्माइल दे दी. उसने थोड़ी आगे जाकर फिर से मुड़ कर देखा और फिर से स्माइल देती हुई आगे चली गई. 

मैं भी चला गया और मैंने घर जाकर सोचा कि कल उससे बात करूँगा. अगले दिन मैं फिर से वहीं गया. वह छुट्टी के बाद बाहर आई. उसे देख कर मैंने स्माइल दी. वह थोड़ी धीरे धीरे आगे को चल कर एक जगह पर रुक गई और मुड़ कर मुझे देखती हुई मुस्कुराने लगी. 

मैं उसके पास गया और स्माइल करते हुए बोला- मैं अभय, सेल्स मार्केटिंग का जॉब करता हूँ. वह बोली- मैं प्रिया. मैंने पूछा- किस क्लास में हो प्रिया? 

उसने बताया कि वह 12वीं में है. फिर हमने एक दूसरे का नंबर लिया और चले गए. रूम पर जाने के बाद मैं प्रिया के मैसेज आने का इंतजार करने लगा. 

रात के 10:30 बजे मेरे मोबइल पर एक मैसेज आया. मैंने व्हाट्सप्प खोल कर देखा तो प्रिया का मैसेज था. पहले हम दोनों एक दूसरे के बारे में नॉर्मल बातें करने लगे, एक दूसरे के बारे में जानने लगे. 

फिर हमारे बीच थोड़ी सेक्सी बातें होने लगीं. मैं उसको सेक्सी शायरी भेजने लगा. उसको भी ये सब अच्छा लगता था. फिर एक दिन प्रिया से पूछा- तुम वर्जिन हो प्रिया? 

प्रिया बोली- हां, अभी तक मैं वर्जिन हूँ. मैं सुनकर बहुत खुश हुआ कि शायद मुझे ही इसकी सील तोड़ने का अवसर मिलेगा. अब हम रोज सेक्सी सेक्सी बातें करने लगे थे. 

एक दिन मैंने प्रिया से पूछा- तुम्हें किस कलर की ब्रा पैंटी पसंद है? प्रिया बोली- मुझे रेड और पिंक कलर की ब्रा पैंटी पहनना पसंद है. मैंने साइज़ पूछा तो प्रिया ने मुझे अपनी साइज बताई. 

मैंने उसे दो सैट ब्रा पैंटी के गिफ्ट किए, एक गुलाबी था और दूसरा लाल. वह काफी खुश हुई. मैंने उससे कहा- पहन कर देखे? वह बोली- हां, लाल वाला सैट देखा था और अभी वही पहनी हूँ. 

मैंने कहा- काश मैं देख पाता! वह हंसने लगी. हालांकि उसने दिखाया नहीं. अब हमारी रोज सेक्सी बातें होने लगी थीं. प्रिया को भी बहुत मज़ा आने लगा था. 

सेक्सी बातों से प्रिया गर्म होने लगी. वह कुंवारी थी, इसलिए वह और जल्दी गर्म होने लगती थी. मेरी सेक्सी बातें और सेक्सी शायरी उसे बहुत तड़पाने लगी थीं. 

प्रिया बोली- अब मुझे पढ़ाई में भी मन नहीं लग रहा है … बस आपके साथ सेक्सी बातें करने का मन होता है. शायद उसे सब कुछ करने का मन था. मैं भी उसे उकसाता रहता था. 

प्रिया बोली- अभय कुछ करो, नहीं तो मैं फेल हो जाऊंगी. मैं समझ गया कि प्रिया अब चुदाई के लिए तड़प रही है. मैंने प्रिया को समझाया- तुम्हारे अन्दर जो वासना जगी है, वह हम दोनों के मिलन से ही जाएगी. 

प्रिया ने पहले तो मना किया लेकिन उसकी वासना उसे मेरे पास आने के लिए मजबूर कर रही थी. उसका पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था, उसे फेल होने का डर सताने लगा. 

आखिर प्रिया मेरे पास आने को तैयार हो गई. मैं मार्किट में गया और प्रिया के लिए दो जोड़ी रेड और पिंक कलर की सेक्सी ब्रा पैंटी ले लिए. छुट्टी के टाइम पर मैंने उसे ब्रा पैंटी दे दी और रूम पर आ गया. 

रात को हमने बात की और अगले दिन मिलने का प्लान किया. मैंने प्रिया को बोल दिया. वह पिंक ब्रा पैंटी पहनने के लिए भी राजी हो गई. अगले दिन वह स्कूल के बहाने घर से निकली और रास्ते में मुझे मिली. 

प्रिया अपनी स्कूल ड्रेस में आई थी. उसको देख कर मैं पागल हो गया. मैंने उसे बाइक पर बैठाया और अपने रूम पर लेकर आ गया. जैसे ही हम रूम के अन्दर आए, रूम को लॉक करके मैंने प्रिया को अपनी बांहों में कस लिया, उसकी उभरी हुई चूचियां मेरी छाती से टकरा कर गड़ गईं. 

उसको बांहों में भरते हुए, उसके गोरे गोरे गालों को चूमने लगा. गाल चूमते हुए उसके गुलाबी होंठों को मैंने अपने होंठों में ले लिया. उसके गुलाबी होठों को चूमने के बाद ऐसा लगा, 

जैसे जन्नत में हूं. प्रिया की सांसें भी तेज़ हो गई थीं और मेरी छुअन से उसकी सांसें और तेज़ हो रही थीं जो इस बात की गवाह थीं कि उसके लिए सब पहली बार हो रहा था. 

अब प्रिया को अपनी गोद में उठा कर बेड पर लाया और बैठा दिया. मैंने प्रिया की आंखों में देखा, वह शर्म से पूरी लाल हो गई थीं. प्रिया स्कूल ड्रेस में बहुत क़यामत लग रही थी. 

उसकी स्कर्ट उसकी जांघों से थोड़े ही नीचे तक आ रही थी. अगर उसके स्कर्ट थोड़ी सी भी ऊपर उठा दी जाती तो उसकी जांघों के बीच में फंसी उसकी पैंटी दिख जाती. 

उसकी शर्ट के ऊपर से उसकी चूचियां इतनी सख्त हो गई थीं कि ऐसा लग रहा था बस ये गुब्बारे अभी उसकी शर्ट को फाड़ कर बाहर आ जाएंगे. उसकी शर्ट के ऊपर से उसके निप्पल की चोटियां साफ साफ देखने को मिल रही थी जो काफ़ी टाइट हो चुकी थीं. 

अब मैंने देर ना करते हुए, प्रिया को अपनी बांहों में भर लिया और उसे चूमने लगा. वह भी मेरा साथ दे रही थी. प्रिया को चूमते हुए बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया. 

मैं उसको अपनी बांहों में लेकर उसे चूमता रहा. उसके गालों को, उसके होंठों को चूमते चूमते जैसे ही उसके कान के पास गया और उसके कान के लौ को अपने मुँह में लेकर जैसे ही चूसा, वह आअह्ह्ह करके मचल उठी. 

उसके एक कान को चूसते हुए, जैसे ही मैंने उसके कान में फुसफुसाया- प्रिया, क्या मदमस्त जवानी है. यह सुनते ही प्रिया और मचलने लगी. उसकी सांसें और तेज़ हो गईं. 

उसके दोनों पैर आपस में रगड़ खाने लगे. अब मैं प्रिया को चूमते हुए धीरे धीरे नीचे की ओर आने लगा. मैंने शर्ट के ऊपर से ही उसकी टाइट चूचिओं को दबाया और उसके निप्पल को मुँह में ले लिया. 

प्रिया के मुँह से एक तेज़ सिसकारी निकली- आअह्ह्ह. फिर एक एक करके शर्ट के ऊपर से ही दोनों चूचियों को मसल कर चूसने लगा. इससे उसकी सिसकारियां और तेज़ हो गईं. उसकी सिसकारियों के साथ पूरा रूम वासनामय हो गया. 

अब मैं थोड़ा और नीचे आया, शर्ट के ऊपर से मैंने उसके पेट को चूम लिया. जैसे ही मैंने उसके पेट को चूमा, उसकी चूचियां ऊपर को तन गईं. मेरी चुसाई के कारण उसकी शर्ट के ऊपर से ही उसके निप्पलों का उभार दिखने लगा. 

वह बहुत ही मादक दृश्य लग रहा था. फिर मैं थोड़ा और नीचे आया और उसकी स्कर्ट के ऊपर से उसकी जांघों से होते हुए उसके पैरों तक गया. उसकी टांगें बहुत गोरी और चिकनी दिख रही थीं. 

उन गोरी गोरी टांगों पर मैंने जैसे ही हाथ फिराया, वह मचल उठी. उसके मुँह से एक तेज़ सिसकारी निकली- उउफ्फ्फ … मम्मीई. फिर जैसे ही मैंने उसके पैरों को सहलाते हुए उसकी गोरी टांगों को चूमना शुरू किया तो उसकी सिसकारियां और तेज़ हो गईं ‘आहहह … उउफ़्फ़्फ़ … उईई मां.’ 

वह अपने हाथों से चादर को भींच रही थी और वह इतनी मादक हो गई थी कि शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता. अब मैंने प्रिया की टांगों को थोड़ा ऊपर उठा कर घुटनों से मोड़ दिया. 

इस स्थिति में उसके पैर बेड पर थे और जांघें चौड़ा गई थीं. जैसे ही मैंने प्रिया को इस पोजीशन में किया … उसकी स्कर्ट के नीचे से बिस्तर पर आ गई और उसकी गांड दिखने लगी. 

उसकी गांड नई पिंक पैंटी में कसी हुई थी. मस्त गोरे और गोल चूतड़ थे प्रिया के! समझने वाले समझ गए होंगे कि मैंने प्रिया को किस पोजीशन में किया था. 

अब मैं अपने हाथों को प्रिया के घुटनों तक ले गया. जैसे ही मेरे हाथ उसके घुटनों तक गए, मैंने उसके घुटने को पकड़ कर उसकी जांघें और ज्यादा खोल दीं. उफ़्फ़्फ़ शानदार नजारा सामने था. 

उसकी खुली हुई जांघों के बीच में उसकी कसी हुई भीगी सी पैंटी दिखने लगी. मैं बता नहीं सकता कि कितना मादक दृश्य था. उसकी दोनों जांघों के बीच में उसकी कसी हुई पैंटी के ऊपर से ही उसकी बुर देख कर मैं पागल हो उठा. 

उसकी पैंटी के ऊपर से ही, उसकी फूली हुई बुर नजर आ रही थी. उसकी बुर की फांकें पैंटी के ऊपर से साफ साफ फ़ूली हुई दिख रही थीं. उसकी पैंटी बुर के मादक रस से पूरी तरह से भीग चुकी थी, जिसने गुलाबी पैंटी पर भीगने का साफ साफ धब्बा बना दिया. 

उसकी पैंटी की ये हालत मुझे और भी ज्यादा पागल बना रही थी. इधर मेरी हरकतों से प्रिया का बुरा हाल था, प्रिया पूरी तरह वासना के गिरफ्त में आ चुकी थी. 

अब मैं प्रिया के ऊपर आ गया और उसकी शर्ट के बटन खोलने लगा. ना चाहते हुए भी प्रिया मेरा पूरा साथ दे रही थी. जैसे ही शर्ट के बटन खुले, प्रिया को पिंक ब्रा में देख कर मदमस्त हो गया. 

उसकी चूचियां वासना के कारण पूरी टाइट हो चुकी थीं. ऐसा लग रहा था कि चूचियां ब्रा को फाड़ कर बाहर निकल आएंगी. शर्ट निकालने के बाद जब प्रिया को निहारा, तो देख कर नशे में टल्ली हो गया. 

उसका बदन इतना ज्यादा गोरा … इतना ज्यादा सेक्सी दिख रहा था कि लंड को काबू में कर पाना मुश्किल हो गया. उसकी गोरी देह पर सपाट पेट के बीच में गहरी नाभि कहर ढहा रही थी. 

मैं प्रिया की चूचियों को अपने हाथों में लेकर मसलने लगा. मेरे हाथ का स्पर्श लगते ही प्रिया की वासना और बढ़ गई. मैंने भी देर ना करते हुए उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. 

जैसे ही ब्रा का हुक खुला, उसकी चूचियां उछल कर बाहर आ गईं. ऐसा लग रहा था जैसे बरसों बाद किसी ने उन्हें आजाद किया हो. बाहर आते ही दोनों चूचियां उछलने लगीं. 

चूचियों के ऊपर से ब्राउन कलर का निप्पल ऐसा दिख रहा था मानो चॉकलेट से निप्पल रंग दिए गए हों. मैं प्रिया की दोनों चूचियों को हाथ में लेकर मसलने लगा. प्रिया की सिसकारियां और ज्यादा बढ़ गईं. 

जैसे ही मैंने उसके एक निप्पल को मुँह में लिया, प्रिया की तेज आवाज में आंह निकल गई- आह … उफ्फ. उसके मुँह से मादक आवाजें आने लगीं. ‘उम्म्म आआह ओह्ह्ह …’ करके सीत्कारने लगीं. 

वह अपने पैरों को रगड़ने लगी. मैंने उसकी चूचियों को चूसते हुए धीरे धीरे उसके पेट पर आ गया. उसके पेट पर हाथ फेरते हुए चूम लिया. 

इससे प्रिया अचानक से उछल पड़ी. उसकी सिसकारियां और तेज़ हो गईं. मैं उसके पेट को चूमते हुए, उसकी गहरी नाभि के पास आ गया, जो कि काफ़ी ज्यादा मादक दिख रही थी. 

जैसे ही मेरे होंठों ने उसकी नाभि को छुआ, उसकी मुँह से फिर से एक जोर की सिसकारी निकली- आअह्ह. इस तेज सिसकारी के साथ ही उसकी सांसें और तेज़ हो गईं. 

उसकी सांसों के साथ उसकी मस्त टाइट चूचियां भी ऊपर नीचे हो रही थीं. उसकी चूचियों के ऊपर तनी हुई उसकी घुंडियां और भी ज्यादा कड़क हो गई थीं. 

वह उसकी सांसों के साथ ऊपर नीचे होती हुई बड़ी ही कामुक लग रही थीं. मैंने जैसे ही अपने जीभ को उसकी नाभि में घुसाया, उसने कसके चादर को अपने हाथों से भींच ली और जोर से सिसकारने लगी- आअह्ह उफ्फ! 

मैं उसकी नाभि में जीभ और तेज़ फिराने लगा, वह भी पूरी तरह से मचलने लगी. आखिर थी भी वह कमसिन कुंवारी कली, पहली बार उसके साथ ये सब हो रहा था 

इसलिए वह जोरों से मचल रही थी. मैंने भी उसकी नाभि को चूसते हुए, एक झटके में उसकी स्कर्ट को खोल दिया. जैसे ही प्रिया की स्कर्ट खुली … उफ्फ क्या नजारा था. 

प्रिया की गोरी मांसल जांघें मेरी आंखों के सामने आ गईं. उसकी गोरी मांसल जांघें देख कर मेरा लंड बेकाबू होने लगा. कदली सी और चिकनी सी जांघों के बीच में उसकी पिंक पैंटी फंसी हुई थी. 

चूंकि अब उसकी पैंटी साफ सीखने लगी थी तो पैंटी ऊपर से ही उसकी फूली हुई बुर की फांकें साफ साफ दिख रही थीं. 

उन फांकों के मध्य से निकलता उसका नमकीन अमृत उसकी पैंटी को पूरी तरह से भिगो चुका था. पैंटी गीली होने के कारण उसकी बुर की दरार उसकी पैंटी के ऊपर से साफ साफ दिख रही थी. 

उसकी मदमस्त फांकों के सीन को देख कर किसी बूढ़े का भी लंड खड़ा हो जाए, फिर मैं तो एक जवान अश्व की भांति उसकी बुर को देख कर बेकाबू हुआ जा रहा था. 

अब मैंने भी अपने पूरे कपड़े उतार दिए, सिर्फ अंडरवियर में रह गया. मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरा लंड साफ साफ दिख रहा था. लंड काफी टाइट हो चुका था. 

प्रिया मुझे अंडरवियर में देख कर मुस्कुरा दी पर लंड देख कर थोड़ी सहम भी गई. अब मैं धीरे धीरे उसकी गोरी गोरी टांगों को चूमने लगा … 

और वह और भी ज्यादा मचलने लगी. मैं धीरे धीरे उसकी टांगों को चूमते हुए ऊपर को आने लगा और उसकी गोरी मांसल जांघों पर हाथ फेरने लगा. 

मेरी हर छुवन से वह और भी तीव्रता से मचलने लगी. उसकी सांसों की आवाज आ रही थी, कंठ की आवाज को वह अपने होंठों से भींचे हुई थी. 

मैंने जैसे ही उसकी गोरी जांघों पर अपने गर्म होंठों से चूमा, प्रिया से रहा न गया और उसके कंठ की दबी हुई आवाज जोर से निकलने लगी. 

वह सिसकारने लगी- आअह्ह उफ्फ उईई मां मर गई … आह. मैं उसकी जांघों को खोल कर उसकी जांघों के बीच में आ गया और उसकी टांगों को उठा कर अपने कंधे पर रख लिया. 

उसकी टांगे अपने कंधों पर रखने से मेरा सर उसकी दोनों जांघों के बीच में आ गया था और उसकी पैंटी बिल्कुल मेरे आंखों के सामने आ गई थी. उधर उसकी आंखों में गहरा नशा सा छाया हुआ था और वह सिर्फ मेरी हरकतों को देख रही थी. 

मेरा नंगा बदन उसे काम वासना से उन्मीलित करता जा रहा था. उसकी जांघें खुली होने के कारण उसकी बुर की फांकें साफ साफ दिख रही थीं जो पूरी पैंटी को भिगोती जा रही थीं. 

मैं उसकी जांघों को चूमते हुए आगे बढ़ा और जैसे ही अपने होंठों से उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी बुर को चूमा, प्रिया पूरी तरह से सिहर उठी. 

उसके मुँह से एक जोर की सिसकारी निकल गई. मैंने अपनी जीभ को, उसकी पैंटी के ऊपर से दिख रही उसकी बुर की दरार पर लगा दी और ऊपर नीचे करते हुए जीभ फेरने लगा. 

उसने कोशिश की कि उसकी टांगें आपस में मिल जाएं … मगर मेरे सर के अवरोध ने उसे ऐसा करने ही न दिया. वह मेरी चुसाई में ही मस्त हो गई थी. अभी चुदाई का सुख मिलना तो बाकी था.

जैसे जैसे मेरी जीभ उसकी बुर की फांकों में ऊपर नीचे हो रहा था, उसकी बुर और गीली होने लगी. प्रिया को भी अब मजा आने लगा था और वह मेरे सर को पकड़ कर अपनी बुर पर रगड़ने को कोशिश करने लगी. 

मैं प्रिया की बुर पर जीभ फिराते हुए अपने हाथों को उसकी कमर पर ले गया. उसकी कमर को सहलाते हुए मैं अपनी जीभ को उसकी बुर पर दबाव देते हुए ऊपर नीचे फेरने लगा. 

जीभ के दबाव से मानो उसकी बुर किसी रसदार फल की तरह रिसने लगी थी. वह बेहद मस्ती में मचल उठी और मेरे सर को अपनी बुर में घुसेड़ लेने की चेष्टा करने लगी. 

इधर मैंने अपने हाथों की उंगलियां उसकी पैंटी में फंसा दीं. अब मेरा लक्ष्य था कि उसकी रसीली बुर में सीधे अपनी जीभ को पेला जाए. उसके लिए उसका कमर उठाना जरूरी था. 

इसके लिए मैंने रास्ता खोज लिया था. मैंने उसकी बुर की फांकों में जैसे ही अपनी जीभ को जोर देते हुए अन्दर को घुसाया, प्रिया मदहोशी में उछल गई. फिर जैसे ही प्रिया की कमर ऊपर उठी, मेरी उंगलियों में फंसी उसकी पैंटी सरक कर उसकी जांघों के नीचे तक आ गई. 

वह जब तक कुछ समझ पाती तब तक तो खेल हो गया था. मैंने उसकी पैंटी एक झटके में पूरा उसकी टांगों से बाहर निकाला और वापस पैरों को अपने कंधों पर रख लिया. 

वह मेरे इस करतब पर हंस दी और उसने अपने हाथों से अपनी बुर को ढक लिया. मैंने उसकी आंखों में नशे से देखते हुए पैंटी को चूमा और उसे प्रिया के चेहरे पर फेंक दिया. 

प्रिया अपनी उतरी हुई पैंटी देख कर शर्म के मारे लाल हो गई और अपने हाथों से अपनी बुर को छुपाने की कोशिश करने लगी थी. मगर जब मैंने पैंटी उसके मुँह की तरफ फेंकी तो उसने अपने दोनों हाथों से पैंटी को पकड़ने की कोशिश की और इस कारण से उसकी बुर पुन: अनावृत हो गई. 

मैंने उसकी जांघों को चूमते हुए जैसे ही सामने देखा तो तबीयत मस्त हो गई. सामने उसकी मस्त मखमली बुर किसी पावरोटी के जैसी फूली हुई थीं. 

उसकी बुर पर एक भी बाल नहीं था. पूरी बुर साफ साफ दिख रही थी. फूली हुई बुर के बीच में एक लकीर थी जो बुर की दोनों फांकों के बीच की दरार को दर्शा रही थी. 

बुर की फांकें पूरी गीली हो गई थीं जो भीगी होने के कारण और भी मादक दिख रही थीं. उसकी मदमस्त बुर देख कर मेरे लंड का बुरा हाल हो गया था. 

ऐसा लग रहा था कि मेरा अंडरवियर फाड़ कर उसकी बुर में घुसता चला जाएगा. मैंने जैसे ही उसकी जांघें कुछ ज्यादा फैलाईं, उसकी बुर की दोनों फांकें फ़क की आवाज़ के साथ थोड़ी और खुल गईं. 

जैसे ही बुर की फांकें खुलीं, उफ … उसकी सीलपैक बुर के अन्दर का हल्का सा गुलाबी रंगत वाला भाग दिखने लगा. उसकी बुर से यौवन रस निकल रहा था, जो उसकी जांघों से होते हुए उसकी गांड की दरार में जा रहा था.

मेरा लंड बेकाबू होने लगा, उसकी गुलाबी बुर देख कर मुझसे रहा नहीं गया. मैंने जैसे ही उसके गुलाबी बुर को चूमा, वह सिहर उठी और उसके मुँह से सिसकारी निकलना और तेज़ हो गई ‘आहहह उउम्म्म उउफ्फ्फ.’ 

मैं भी उसकी बुर की दरार में जीभ घुसा कर उसकी बुर चाटने लगा. उसने कसके चादर को भींच लिया. उसके मुँह से लगातार आवाजें आ रही थीं- आहह उउफ्फ बस करो प्लीज … आह मुझे कुछ हो रहा है … आह हटो ना! 

मैंने उसकी टाइट बुर को और तेज़ी से चूसना शुरू कर दिया, अपनी जीभ को उसकी बुर की फांकों में अन्दर बाहर करने लगा. उसकी बुर पूरी पानी पानी हो गई. 

कुछ देर और करता तो शायद वह स्खलित हो जाती. अब वह मेरा लंड लेने के लिए मचलने लगी थी. उसने कह भी दिया- क्या जीभ से करोगे! मैं समझ गया और तुरंत उठ कर मैंने अपना अंडरवियर उतार कर फेंक दिया. 

मेरा लंड पूरी तरह से फनफना रहा था. प्रिया ने जैसे ही मेरे मोटे और लम्बे लंड को देखा, वह डर गई. वह समझ गई कि आज उसकी बुर पूरी फटने वाली है. 

मैंने प्रिया की बुर फिर से चाटना शुरू कर दिया. उसकी चुत, यौवन रस से पूरी गीली हो गई थी. उसकी बुर को चाटते हुए धीरे धीरे मैं ऊपर को आने लगा, उसकी मदमस्त टाइट चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा. प्रिया वासना से पूरी भर गई. 

उसकी चूचियों को मसलते हुए जैसे ही उसके एक कड़क निप्पल को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया, उसकी मादक आवाजें निकलना और तेज़ हो गईं ‘आहह उफ्फ फ्फ्फ़ …’ 

मैं प्रिया के गुलाबी होंठों तक पहुंच चुका था. जैसे ही मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में लिया, वह पूरी तरह से मदहोश हो गई और उसने मुझे कस कर जकड़ लिया. 

प्रिया के होंठों और गालों को चूमते हुए मैं उसकी कान के पास गया और उसकी कान की लौ को चूसते हुए उसके कान में फुसफुसाया- क्या मस्त कमसिन गुलाबी टाइट बुर है तुम्हारी … बिल्कुल फूली हुई पावरोटी की तरह! 

यह सुनकर प्रिया वासना में भर गई. उसने मुझे बांहों में जकड़ते हुए मेरे कान के पास आकर अपनी वासना भरी आवाज़ में कहा- प्लीज अभय, और मत तड़पाओ 

मेरी बुर को. अपना लंड घुसा कर फाड़ दो मेरी बुर को. प्रिया की बात ने मेरे अन्दर और वासना भर दी. मेरा लंड भी अब पूरा बेकाबू हो गया था. 

मैंने पास में रखे तेल को अपने लंड पर अच्छे से लगा दिया और थोड़ा तेल प्रिया की बुर पर भी लगा दिया. अब मैंने उसकी टांगों को घुटनों से मोड़ दिया और उसकी जांघों को अच्छे से खोल दिया. 

जैसे ही प्रिया की जांघें खुलीं, उसकी बुर की फांकें भी थोड़ी खुल गईं. अब मैंने प्रिया की दोनों जांघों के बीच में आकर अपने मोटे लंड के टोपे को उसकी बुर की फांकों में सटा दिया. 

जैसे ही मेरे लंड की गर्मी प्रिया की बुर को मिली, उसकी कमर मेरे लंड को अन्दर लेने के लिए ऊपर उठने लगी. मैंने अपने लंड का सुपारा उसकी बुर की फांकों में रगड़ना शुरू कर दिया. 

प्रिया मचलने लगी. वह बोली- आह अभय मत तड़पाओ ना … घुसा दो अपना लंड मेरी बुर में! 

मैं भी उसके होंठों को अपने होंठों में लेते हुए एक जोर का धक्का मारा. लंड का सुपारा उसकी बुर में घुसने को हुआ और प्रिया के मुँह से एक जोर आअह्ह्ह निकली. 

मगर निशाना चूक गया था. मेरा लंड उसकी बुर से फिसल कर उसके पेट पर आ गया. उसकी बुर बहुत टाइट थी और पूरी तरह से सीलपैक थी. 

मैंने फिर से लंड को उसकी बुर की फांकों में फँसाया और अपने हाथों से उसकी कमर पकड़ कर एक जोरदार धक्का उसकी बुर में मारा. 

इस बार काम हो गया, मेरा लंड बुर की सील फाड़ते हुए आधा अन्दर घुस गया. प्रिया के मुँह से जोर की चीख निकली- उइईई मां मर गई … आह उह्म्म … निकालो अपने लंड को … आंह बहुत दर्द हो रहा है अभि … 

प्लीज निकाल लो. वह छटपटाने लगी. मैंने उसे कसके जकड़ लिया. मेरे लंड को कुछ गीला गीला लगा, मैं समझ गया की उसकी सील टूट गई है और बुर से खून आ रहा है, 

जो मेरे लंड को महसूस होने लगा है. प्रिया का दर्द से बुरा हाल था. मैंने उसकी चूचियां मसलना और सहलाना शुरू कर दिया, उसके गालों और होंठों को चूसना चालू रखा. 

इससे प्रिया का दर्द थोड़ा कम हुआ. जैसे ही प्रिया का दर्द कम हुआ, मैंने अपने लंड को उसकी बुर से थोड़ा बाहर निकाला. प्रिया को लगा मैं लंड बाहर निकाल रहा हूं, वह थोड़ी ख़ुश हुई. मगर जैसे ही लंड थोड़ा बाहर आया, उसकी कमर पकड़ कर मैंने उसकी बुर में एक जोरदार धक्का मारा. 

मेरा लंड बुर को पूरी तरह से फाड़ते हुए पूरा अन्दर तक घुस गया. इस बार प्रिया की मुँह से और जोर की चीख निकली- उईई मां आहह फट गई …. उह्म्म मर गई … बाहर निकाल साले लंड को … आह कमीने मेरी बुर फट गई … आअह्ह उह्म्म! 

उसके मुँह से गाली निकलने का मतलब साफ था कि सारी मुहब्बत की माँ चुद गई थी. उसे उस वक्त सिर्फ अपने दर्द की परवाह थी. वह बेहद छटपटा रही थी. 

मैंने भी उसे कसके पकड़ लिया और उसके निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा. उसके होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसता रहा. थोड़ी ही देर में प्रिया का दर्द कम होने लगा. प्रिया बोली- अभय प्लीज़ लंड बाहर निकालो … 

मेरी बुर फट गई है. मैंने प्रिया के कान में फुसफुसाते हुए कहा- बस जान … जो दर्द होना था, वह हो गया. तुम्हारी बुर की सील टूट गई है रानी … 

अब बस तुम्हें जन्नता का मज़ा मिलने वाला है. प्रिया की बुर में मेरा लंड पूरी तरह से कस गया था, उसकी बुर की फांकों ने मेरे लंड को पूरा जकड़ लिया था. मुझे ऐसा लग रहा था, 

जैसे किसी गर्म भट्टी में मेरे लंड को डाल दिया गया हो. अब मैंने प्रिया की चुदाई शुरू कर दी, लंड थोड़ा थोड़ा अन्दर बाहर होने लगा. जैसे जैसे लंड अन्दर बाहर हो रहा था, प्रिया की आवाजें भी तेज़ होने लगी थीं ‘आहह ऊफ्फ फ्फ्फ़ ऊंम्म्म आहह.’ प्रिया की बुर में मेरा लंड बहुत कसाव के साथ अन्दर बाहर हो रहा था. 

जैसे जैसे लंड अन्दर बाहर हो रहा था, उसकी बुर भी गीली होने लगी थी. दोस्तो, मैं शब्दों में आपको बता नहीं सकता कि उसकी टाइट बुर को चोदने में कितना मज़ा आ रहा था. 

बुर ने मेरे लंड को किसी बोतल के मुँह में कॉर्क के ढक्कन की तरह कस लिया था. प्रिया की बुर बहुत कसी हुई थी. जैसे जैसे बुर गीली होने लगी, मेरा लंड और तेज़ी से अन्दर बाहर होने लगा. 

प्रिया को भी अब मज़ा आने लगा था. अब वह भी अपनी कमर उठा उठा कर चुदवा रही थी. हर धक्के के साथ प्रिया की मादक आवाजें तेज़ होने लगी थीं ‘आअह उउम्म उफ्फ और चोदो … घुसा दो पूरा लंड मेरी बुर में.’ प्रिया की आवाजों ने मुझे और गर्म कर दिया. 

अब मैंने अपने चोदने की रफ़्तार और तेज़ कर दी. प्रिया की बुर में लंड तेज़ी से अन्दर बाहर हो रहा था. उसकी सिसकारियों से पूरा रूम भर गया था ‘आहहह उउउह्ह्हहह और तेज़ चोदो मेरी बुर को उइईई.’ 

अब तो लंड को इतना ज्यादा रस मिल चुका था कि मैं पूरा लंड बाहर निकाल कर एक ही झटके में उसकी बुर में अन्दर तक पेल देता. मेरे हर धक्के पर प्रिया की चीख निकल जाती- आहह उह्ह्ह हह उईई मां मर गई. 

मैंने भी चोदने की रफ़्तार और तेज़ कर दी. लंड तेज़ी से उसकी बुर में अन्दर बाहर अन्दर बाहर हो रहा था. प्रिया की आवाजें भी और तेज़ हो गईं- आह्ह उफ्फ आईई हह और तेज़ चोदो मेरी बुर को चोद कर पूरा फाड़ दो! 

उसने अपनी दोनों टांगें मेरी कमर में लपेट लीं और अपने दोनों हाथों से मेरे पीठ को सहलाते हुए कसके जकड़ लिया. मेरी चुदाई की तेज रफ़्तार को प्रिया की बुर सह नहीं पाई. 

करीब 10 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद प्रिया की बुर से जोरदार धार के साथ उसका स्खलन आरंभ हो गया. उसकी बुर ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया. प्रिया ने मुझे कसके अपनी बांहों में जकड़ लिया. 

उसकी तेज़ सिसकारी के साथ उसकी बुर रस भी तेज़ी से उसके बुर से निकलने लगी थी. प्रिया लगभग रोने लगी थी- आअह उफ्फ आअ ह्ह्ह मर गई. ये सब रिएक्ट करती हुई वह अपनी कमर को उठा उठा कर अपनी बुर से पानी निकालने लगी थी. 

उसकी बुर के रस ने मेरे लंड को पूरा भिगो दिया था. मेरा लंड टाइटली उसकी बुर में घुसा हुआ था. कमर उठा उठा कर पानी छोड़ने के बाद प्रिया बेड पर रिलैक्स हो गई. 

रिलैक्स होने के बाद प्रिया ने मेरी आंखों में देखा और एक प्यारी सी मुस्कान के साथ बोली- सच में आज तुमने मुझे जन्नत के मज़े दिए. प्रिया बहुत खुश थी, उसकी ख़ुशी उसके चेहरे पर साफ साफ दिख रही थी. 

मैं प्रिया के होंठों और गालों को चूमते हुए उसके कान में बोला- प्रिया, मेरा लंड अभी भी खड़ा है. उसका पानी नहीं निकला है. 

वह तुम्हारी बुर में टाइटली घुसा हुआ है. प्रिया एकदम से अहसास करती हुई बोली- उफ्फ अभय … क्या मस्त चुदाई करते हो. किसी भी लड़की को खुश कर सकते हो तुम! 

उसने मेरे होंठों को चूमते हुए अपनी बांहों में मुझे जकड़ लिया. मैं प्रिया के ऊपर लंड डाले थोड़ी देर लेटा रहा. थोड़ी देर बाद मैंने प्रिया को फिर से किस करना शुरू किया. 

मैंने जैसे ही उसके होंठो को चूमना शुरू किया, वह फिर से गर्म होने लगी. फिर मैं धीरे से उसकी चूचियों को मसलते हुए, उसके निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा. 

वह और गर्म होने लगी. उसकी बुर में भी थोड़ी हलचल होने लगी. वह फिर से गीली होने लगी. उसके निप्पल को मैं जैसे जैसे चूस रहा था, वैसे वैसे वह और गर्म होती जा रही थी और अपनी कमर को फिर से ऊपर नीचे उठा रही थी. 

मैं समझ गया प्रिया फिर से चुदने के लिए तैयार हो गई है. मैंने अपने टाइट लंड को बुर से थोड़ा बाहर निकाला और एक जोर के धक्के के साथ पूरा अन्दर घुसा दिया. 

उसके मुँह से सिसकारी निकल गई- आह ऊफ्फ … धीरे धीरे चोदो अभय … बुर में दर्द हो रहा है. मैं उसे धीरे धीरे चोदने लगा. 

वह भी अपनी कमर उठा उठा कर मेरा लंड अपनी बुर में ले रही थी. जैसे ही मेरा लंड बाहर निकलता, प्रिया अपनी कमर नीचे कर लेती और जैसे ही मैं अपने लंड को जोर का धक्का देकर बुर में पेलता, प्रिया अपनी कमर ऊपर उठा कर मेरा लंड पूरा बुर में अन्दर तक ले लेती. 

इस तरह हम दोनों एक दूसरे की चुदाई कर रहे थे. कुछ देर बाद मेरा लंड तेज़ी से प्रिया की बुर में अन्दर बाहर होने लगा. प्रिया की भी सिसकारी बढ़ने लगी- आहह उफ्फफ्फ्फ़ चोद दो अभय मेरी कमसिन बुर को! 

उसने अपनी टांगें फिर से मेरी कमर में लपेट लीं और कमर उठा उठा कर चुदवाने लगी. मैं भी तेज़ धक्कों के साथ उसे पेल रहा था. 

क्या कसी हुई माल थी प्रिया. उसकी बुर पेलने में बहुत मज़ा आ रहा था. उसने मुझे फिर से कस के पकड़ लिया और चिल्लाने लगी- आह और तेज़ चोदो अभय … और तेज़ … पूरा लंड अन्दर पेल कर फाड़ दो मेरी बुर … आअहह उफ्फ फ्फ्फ़. 

मैं समझ गया कि प्रिया फिर से झड़ने वाली है. मैंने चुदाई और तेज़ कर दी, लंड तेज़ी से अन्दर बाहर होने लगा. मेरा लंड भी अब अपनी चरम पर पहुंच चुका था. 

करीब 20 मिनट चुदने के बाद प्रिया ने मुझे कसके अपनी बांहों में जकड़ लिया. जैसे ही मैंने चार पांच जोर के धक्के बुर में मारे, प्रिया अपनी कमर उठा कर चिल्लाने लगी- आह ऊफ्फ फ्फ्फ़ उईई मां! 

बस प्रिया ने अपनी बुर से रस की तेज़ धार को छोड़ना शुरू कर दिया. जैसे ही उसकी बुर रस ने मेरे लंड को छुआ, मेरा लंड उसकी बुर रस की गर्मी सह नहीं पाई. 

मैंने भी एक जोर का धक्का मार कर पूरा लंड बुर में घुसा दिया और मेरे लंड से वीर्य की तेज़ धार निकलने लगी. चार पांच तेज़ धार के साथ वीर्य निकल कर प्रिया की बुर में चला गया. 

मेरा गर्म वीर्य जैसे ही प्रिया की बुर गया, उसे लगा मानो उसे चरम सुख मिल गया हो. प्रिया निढाल होकर बेड पर लेट गई. मैं भी प्रिया के ऊपर ही लेट गया. 

कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे. मेरा लंड अपने आप प्रिया की बुर से बाहर निकल गया. जब मैंने उठ कर प्रिया की बुर को देखा तो देखता ही रह गया. 

उसकी बुर पूरी तरह से सूज़ गई थी, बुर की दोनों फांकें थोड़ी खुल गई थीं. बुर की फांकों से अभी भी मेरे लंड का वीर्य निकल रहा था. 

यह रस उसकी गांड से होते हुए बेड पर टपक रहा था. जब मैंने चादर को देखा तो दंग रह गया. चादर पूरी लाल हो गई थी. प्रिया की वर्जिनिटी टूटने से चादर का ये हाल हो गया था. 

थोड़ी देर में प्रिया भी उठने की कोशिश की पर बुर में दर्द होने के कारण वह उठ ही नहीं पाई. प्रिया को जोर की सुसू आई थी, 

मैं उसे उठा कर बाथरूम में ले गया. वह सुसू करने के लिए बैठ गई. जैसे ही प्रिया की सुसू तेज़ धार के साथ निकली, उसकी मुँह से आहहह निकल गई. 

मैं समझ गया कि चुदाई के कारण हॉट टीन गर्ल की फटी बुर में जलन हो रही है. 

सुसू करने के बाद प्रिया उठी. उसने बाथरूम में अच्छे से अपने आपको साफ किया और बाहर आ गई. 

प्रिया की चाल थोड़ी बदल गई थी, वह अपनी टांगों को थोड़ा खोल कर चल रही थी. शायद बुर में दर्द के कारण ऐसा था. प्रिया रूम में आकर अपने कपड़े पहने और मेरे गले से चिपक गई. 

वह मुझे चूमती हुई बोली- अभय, तुमने मुझे जन्नत का मज़ा दिया है. पहली बार इतना मज़ा मिला, जिसे भूल नहीं सकती. 

अब मैं अच्छे से मन लगाकर पढ़ सकती हूं. मैं भी अपने कपड़े पहने और प्रिया को उसके घर पर छोड़ कर आ गया. 

मुझे पता है, मेरी ये कहानी पढ़ कर कुंवारी लड़की हो … या शादीशुदा भाभी हो, स्कूल गर्ल हो या कॉलेज गर्ल, सब अपनी पैंटी को गीली होने से रोक नहीं पाई होंगी. साथ ही लंडधारियों का तो बुरा हाल हो गया होगा.

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