दोस्तो, मैं वैभव तब 19 साल का हुआ था. मेरी मामी की तबियत खराब हो गई थी तो मामा उनको लेकर 3 महीने के लिए इलाज के लिए चेन्नई गए थे.
तो मेरी नानी की देखभाल के लिए मेरी मम्मी और भाई उनके पास चले गए. अब मैं घर में अकेला रह गया था. घर के बाजू में मेरे एक दूर के रिश्ते के मामा का घर भी था.
मैं उन्हीं के घर रहने लगा था. उधर वाली मामी का नाम कविता है. उनकी उम्र 32 साल की रही होगी. कविता मामी देखने में एकदम किसी पॉर्न एक्ट्रेस के जैसी लगती थीं.
यह सेक्सी हिंदी कहानी उन्हीं मामी की है. उनको देख कर पहली बार में ही किसी भी मर्द के लौड़े से पानी निकल जाए. कविता मामी का फिगर 34-30-36 का था.
मैं उनकी ओर बड़ी वासना से देखने लगा था. वे जब भी मुझे खाना देने या कुछ देने के लिए झुकती थीं तो मेरी नजरें उनकी चूचियों पर ही रहती थीं. मामी मुझसे हंसी मजाक भी बहुत करती थीं.
जब उनकी शादी हुई और मामा के घर आई, तब केवल 22 साल की थीं. कविता मामी मुझे बहुत पसंद करती थीं. मैं उन्हीं के सामने जवान हुआ था. उनका घर बहुत बड़ा था और उनका जो बाथरूम था, वह घर से अलग था.
उनके घर में मेरे लिए एक रूम अलग से था. जब मैं उनके घर पढ़ने जाता था तो अपने लिए बने कमरे में ही सोता था. मेरे बगल वाला रूम उनका था. एक दिन सुबह जब मेरी नींद खुली तो उस समय 5 बज रहे थे.
मेरी नजर खिड़की पर गई तो देखा कि कविता मामी नहाने जा रही थीं. उस समय वे केवल एक पेटीकोट में थीं और उसी से अपनी चूचियों को ढका हुआ था. उनको उस तरह से देख कर मेरा तो लंड खड़ा हो गया.
वे बाथरूम में चली गईं. मुझे रहा नहीं गया और मैं चुपके से बाथरूम के पीछे चला गया. वहां कुछ ऊंचाई पर एक छोटी सी खिड़की लगी थी. मैं कुछ ऊंची जगह पर खड़ा होकर उसमें से अन्दर देखने लगा.
मामी पूरी नंगी थीं और वे अपनी चूत में उंगली कर रही थीं. मुझसे ये देख कर रहा नहीं गया और मैंने भी अपना लंड हिलाना चालू कर दिया. कुछ ही देर में मैंने अपने लंड का पानी भी वहीं निकाल दिया और उधर से वापस आ गया.
अब मैं जान गया कि मामी को सेक्स का सुख नहीं मिल पा रहा है क्योंकि मामा जी काम की वजह से सारे दिन बाहर रहते हैं. रात में भी वे लेट आते हैं. मैं उसी दिन से मामी को चोदने का प्लान करने लगा.
कुछ दिन बीत गए, कोई जुगाड़ नहीं बन पा रहा था. एक दिन रात को मैं एक शादी से वापस आया तो रात ज्यादा हो गई थी. जब मैंने घर की घंटी बजाई तो थोड़ी देर तक दरवाजा नहीं खुला. मैंने सोचा मामी सो गई होंगी शायद.
फिर मैंने उन्हें फोन किया तो मामी ने उठा लिया. जैसे ही मामी ने हैलो बोला तो उनके मुँह से आह की आवाज आई और उन्होंने फोन काट दिया. मैं सोचने लगा कि ये तो मामला धकाधक वाला लग रहा है.
कुछ देर बाद मामी ने आकर दरवाजा खोला. मैं तो उनको देखता रह गया. उन्होंने जाली वाली काले रंग की नाइटी पहनी हुई थी जिसमें से उनका सब कुछ दिख रहा था.
सीन देख कर लगने लगा कि मामा आज उनको पेल रहे हैं क्योंकि वह बिना कुछ कहे तुरंत ही वापस हो गई थीं और अपना पिछवाड़ा मटकाती चली गईं.
मेरा तो मन किया कि यहीं पकड़ कर पेल दूं. मगर मामा का लंड काम पर लगा था तो मैं अपने रूम में आ गया. अब मुझे नींद नहीं आ रही थी. मैं मामी को चुदते हुए देखना चाहता था.
जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैं उठ कर इधर उधर देखने लगा. मेरे कमरे में थोड़ा ऊपर को एक छोटी खिड़की लगी थी. मैंने टेबल पर चढ़ कर उसको खोला और मामी के कमरे में देखने लगा. मामी पूरी नंगी लेटी हुई थीं और मामा उनको पेल रहे थे.
मामी धीरे धीरे आवाज कर रही थीं. तभी मामा ने लाइट ऑन कर दी और उसी पल कविता मामी ने अचानक से खिड़की की तरफ देखा. मेरी नजर मामी की नजर से मिल गई. मेरी तो फट कर हाथ में आ गई कि सुबह क्या होगा?
मैं जाकर सो गया. सुबह मैं देर से सो कर उठा. मामा अपने काम पर निकल गए थे. जैसे ही मैं कमरे से निकला. मामी मेरे सामने आ गईं और मुझे चाय देती हुई बोलीं- अरे उठ गया. मैं चाय लेकर तुझे जगाने ही आ रही थी.
मैं कुछ नहीं बोला. मामी ने मुझे चाय का कप पकड़ा कर कहा- तेरे मामा को दिल्ली जाना है. उनका टिफिन और सूटकेस लेकर उनके ऑफिस में जा कर दे आना. वे वहीं से दिल्ली निकल जाएंगे.
उस दिन मामी ने मुझे अजीब तरह से देखा. मैं खुश था कि मामी ने और कुछ नहीं कहा. कुछ देर बाद मैं चला गया. फिर दिन भर इधर उधर दोस्तों के साथ घूमता रहा था. उस दिन मामी ने मुझको कई बार फोन किया.
मैंने मन में सोच लिया था कि आज जो भी हो जाए, मामी को पेल कर ही रहूँगा. शाम को जब मैं घर आया तो मम्मी का फोन आ गया. वे मुझसे मामी से बात करवाने को बोलीं. उन्होंने कहा कि मामी फोन नहीं उठा रही हैं.
मैं फोन ले गया तो मामी बाथरूम में थीं. मैंने आवाज दी तो मामी ने थोड़ा सा दरवाजा खोला. मैंने कहा कि मम्मी बात करना चाह रही हैं, लो फोन ले लो. उन्होंने फोन ले लिया और मुझसे बोलीं- कमरे में से मेरे कपड़े ले आओ.
मैं गया तो वहां केवल पिंक कलर की ब्रा पैंटी थी, वे भी एकदम सेक्सी वाली. मैं लेकर गया, तब तक वे फोन रख चुकी थीं. मैंने आवाज दी, तो बोलीं- दरवाजा खुला है, अन्दर रख दो.
तब मैंने दरवाजा थोड़ा सा खोला और उनके कपड़े वहीं बनी तिपाई पर रख दिए. उन्होंने कहा- अपना फोन भी ले लो. मेरे हाथ में साबुन लगा है. मैंने कहा- आप नहा लो, फिर ले लूँगा. तब उन्होंने कहा- अब क्या शर्म कर रहे हो … रात में तो सब देख तो लिया था न!
मेरी तो एकदम से आवाज बंद हो गई. उन्होंने फिर से कहा- आओ आ जाओ ना … शर्म मत कर. मेरे पीछे भी थोड़ा साबुन लगा कर मल दो.
मैं बड़ी हिम्मत करके अन्दर गया तो देखा कि वे मेरी तरफ पीठ करके बैठी थीं. मैंने साबुन लिया और लगाना शुरू कर दिया. मेरा हाथ धीरे धीरे नीचे की तरफ जा रहा था.
फिर मैंने जानबूझ कर एक उंगली उनके पीछे से गांड की लकीर में फेर दी. वे कुछ नहीं बोलीं. मैं जान गया कि आज उनका भी मन है. बिना कुछ सोचे समझे मैं उनकी चूची दबाने लगा.
उनकी बड़ी बड़ी चूचियां मेरे दोनों हाथों में थीं. मामी उठ कर खड़ी हो गईं और मेरी तरफ मुँह कर लिया. जैसे ही उनका मुँह मेरी तरफ हुआ, मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें किस करने लगा.
वे भी मेरा साथ देने लगीं. मैंने उनको कसके जकड़ लिया. वे भी मेरे सीने से लिपट कर चुंबन में साथ देने लगीं. हम दोनों ने 15 मिनट तक बिना रुके एक दूसरे के होंठों को खूब चूसा और जीभ भी चूस कर मजा लिया.
मैंने उनकी गांड भी दबायी. उन्होंने मेरे हाथ हटाते हुए कहा- बस अब रात में! यह कह कर मामी ने मुझे बाथरूम से बाहर कर दिया. मैं बहुत खुश था कि आज तो कविता मामी को पेलूँगा.
फिर मैं कमरे में आकर टीवी देखने लगा. इस बीच मामी नहा कर मेरे सामने आ गईं. मैंने उन्हें अपनी गोद में खींच लिया और उनकी चूचियां दबाने लगा, गांड भी दबाई. फिर वे मुझे धकेल कर उठ गईं और काम करने लगीं.
अब जब जब वे मेरे सामने पड़तीं, मैं कुछ न कुछ कर देता. बड़ी मुश्किल से समय कट रहा था. फिर रात में खाना खाने के बाद मामी ने कहा- मेरे कमरे में रहना, मैं अभी आ रही हूँ.
कुछ बीस मिनट बाद जब मामी कमरे में आईं तो क्या माल लग रही थीं. कविता मामी पिंक ब्रा पैंटी में थीं और ऊपर से काली जाली वाली नाईटी पहन कर रूम में आ गईं.
मैंने उनको पकड़ कर बेड पर लिटा दिया और किस करना शुरू कर दिया. मैं पागलों की तरह उनको चूम रहा था, उनके गाल को अपने दांतों से काट लेता तो वे सिसिया जातीं. कुछ देर बाद मामी बोलीं- इतनी जल्दी क्या है.
मैं पूरी रात तुम्हारे पास हूँ. फिर भी मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने उनके पूरे कपड़े उतार दिए. अब मामी मेरे सामने पूरी नंगी थीं, मैं उनको देख रहा था. उन्होंने कामुक नजरों से मुझे देखते हुए कहा- क्या हुआ?
मैंने कहा- मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि आप मेरे सामने ऐसे लेटी हो. वे उठीं और मेरे होंठों को चूसती हुई बोलीं- अब हुआ विश्वास? ‘हां मामी.’ मैंने फिर से उनकी रसीली चूचियों पर हमला बोल दिया.
एक हाथ को उनकी नंगी चिकनी चूत पर लगा कर मैंने बीच की उंगली चूत में पेल दी और अन्दर बाहर करने लगा. मामी गर्म होने लगीं और अपनी गांड उठाने लगीं. फिर मैं धीरे धीरे उनके पूरे बदन को चूमता हुआ उनकी चूत पर आ गया.
चूत पर मैंने अपनी जीभ रख दी और चाटने लगा, फिर अन्दर डाल कर उनकी चूत में जीभ को अन्दर बाहर करने लगा. उन्होंने मेरा सिर पकड़ा और अपने हाथों से दबाने लगीं. वे ऐसे कर रही थीं मानो अपनी चूत को मेरे मुँह में पूरी डाल कर ही मानेंगी.
करीब दस मिनट बाद उनकी चूत पूरी गीली हो गई थी और उनका पानी मेरे मुँह में आने लगा था. वे झड़ कर ढीली हो गई थीं. मैं अब खड़ा हुआ, मेरा लंड पूरा तैयार था.
मैंने अपना लंड उनके होंठों पर रखा और धीरे से उनके मुँह में दे दिया. वे मेरा लंड चूसने लगीं और कुछ देर बाद कहा- अब जल्दी से अन्दर डाल दो. मुझसे रहा नहीं जाता.
लौड़े को मैं बाद में चूस लूँगी. मैं बेड से नीचे उतरा और उनके पैर उठा कर अपने कंधों पर रख कर अपना लंड उनकी चूत में सैट करके डालने लगा. उनकी चूत गीली होने के कारण लौड़े ने मुँह मोड़ लिया और गांड की गली में सरक गया.
तब मामी ने अपने हाथों से लौड़े को छेद पर सैट किया और बोलीं- अब डालो. मैंने जैसे ही झटका मारा तो मेरा आधा से ज्यादा लंड अन्दर घुस गया. मामी के मुँह से आवाज निकल गई- ऊईईई मां मर गइई! मैं रुक गया.
मामी अपने हाथ से मुझे रोक भी रही थीं. वे बोलीं- क्या ऐसे डालना चाहिए? मैं कहीं भागी जा रही हूँ. आराम से पेलो. मैं तुम्हारा लंड मुँह में लेते ही जान गई थी कि आज पक्के में मेरी चूत फट जाएगी.
मैंने कहा- जब आप जान ही गई थीं, तो क्यों रोक रही हो … आज फड़वा ही लो ना. यह कह कर मैंने दूसरा धक्का दे मारा. मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया.
मामी ने मिसमिसा कर अपने नाखून मेरी पीठ पर गाड़ दिए ‘ऊईईईई म्म्म्म्म ह्ह्ह्ह … रुक जा.’ पर मैं रुका नहीं और लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
कुल दो मिनट बाद मामी भी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगीं ‘आह तेज करो ऊऊह्ह अअह …’ मैं उनकी चूची दबा रहा था और चोदे जा रहा था. वे भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उनकी पीठ ऊपर कर दी. मैं उनके ऊपर लेट गया और लंड को सैट करके फिर से चोदना शुरू कर दिया. मैं जितनी तेज धक्का मारता, उनकी गांड उतनी ज्यादा उछल जातीं.
कुछ मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद मामी ने अपना मुँह तकिए से छिपाए जा रही थीं. अब मेरा रस आने वाला था, मैंने बोला- मेरा आने वाला है. कहां निकालूँ! मामी बोलीं- मेरा भी आने वाला है.
एक साथ ही छोड़ेंगे, तुम मेरी चूत में निकल जाओ. बस 5-10 धक्के के बाद हम दोनों एक साथ निकल गए. मैं कुछ देर उनकी पीठ पर पड़ा रहा, बाद में नंगा ही उनसे चिपक कर लेट गया.
मैंने मामी से पूछा- आपने रात में देख लिया था तो मामा से क्यों नहीं कहा? उन्होंने कहा- कल ही नहीं … मैं कई दिन से देख रही थी.
तुम जान मेरी चूचियों को घूरते थे और कभी कभी पीछे से कुछ लेने के बहाने अपना लंड मेरी गांड में टच करते थे. पर एक दिन तुम्हारे कमरे में गई थी. तुम सो रहे थे और तुम्हारा एकदम सीधा खड़ा था.
मैंने कहा- फिर? फिर मामी ने मेरे लंड पर हाथ रख कर कहा- उसी दिन मैंने सोच लिया था कि एक दिन इसको तो मैं अपने छेद में लेकर रहूँगी. मैंने पूछा- मामा मजा नहीं देते क्या?
वे बोलीं- वे थक कर आते और बहुत बोलने पर पंद्रह बीस दिन में एकाध बार अपना लंड निकाल कर मेरी चूत में डाल कर 15-20 धक्कों में ही निकल कर सो जाते थे.
जैसे आज हम दोनों ने किया, ऐसे मजा आज तक नहीं आया. मैंने कहा- तो चलो मामी एक बार फिर से हो जाए! मामी ने आंख दबाई और मेरा लंड फिर से मुँह में लेकर चूसने लगीं.
वे बोलीं- आज मैं अपनी चुदाई की सारी इच्छाएं पूरी कर लूँगी. बस तुम साथ देते रहना … दोगे ना! उनके इतना बोलते ही मैंने फिर से उनको किस करना शुरू कर दिया और कहा- इतना पेलूँगा मेरी जान कि आज की रात आप भूलोगी नहीं.
फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए और चुसाई का मजा लेना शुरू कर दिया. उस रात मैंने मामी को 4 बार चोदा और हम दोनों नंगे ही लिपट कर सो गए. सुबह मेरी नींद 11 बजे, मामी ने ही आकर खोली.
जब मैं उठा तो मामी मेरे सामने थीं. हम दोनों ने किस किया. मामी ने कहा- मेरा पूरा शरीर टूट रहा है. मैंने कहा- आ जाओ, लेट जाओ मालिश कर देता हूँ. वे हंस कर बोलीं- तुम्हारी मालिश की वजह से ही तो दर्द हो रहा है.
जब मैं बिस्तर से उठा तो नंगा ही था. मैंने कविता मामी से बोला- एक किस इसको भी कर दो. मामी ने बड़े प्यार से अपनी जीभ से मेरे पूरे लंड को चाटा और एक बार मुँह के अन्दर लेकर निकाल दिया.
वे बोलीं- बस, जल्दी जाओ. आज मेरी बहन आ रही है. मैं नहा धोकर खाना आदि खाकर चला गया. जब शाम को आया तो देखा 22-23 साल की एक लड़की आई हुई थी. उसे देख कर लगा जैसे कोई मॉडल जींस टॉप में आई हो.
मैं मामी के पास गया और उनसे पूछा- ये कौन? वे बोलीं- मेरी छोटी बहन है. कुछ दिन के लिए आई है. मैं उससे भी मिला. दो दिन निकल गए, मामी हाथ नहीं रखने दे रही थीं.
इस बीच जब मौका मिलता, तो मैं सीन बना लेता … पर चुदाई नहीं हो पा रही थी. मैं मन ही मन ये सोच रहा था कि किसी तरह छोटी वाली की भी मिल जाए, तो दोनों को एक साथ रगड़ने का मजा मिल जाएगा.
एक दो बार मैंने सोचा कि मामी से बोलूँ, पर नहीं बोल पाया. फिर हम लोग आपस में बात करने लगे. उसका नाम नीता था और फिगर मॉडल वाली थी. नीता की चूचियां एकदम टाईट थीं.
चार दिन बाद मैं और नीता छत पर थे. तभी उसने कहा- तुम और दीदी कल जो कर रहे थे, वह मैंने देखा था. मैंने कहा- क्या कहा … क्या कर रहे थे?
वह बोली- तुम किचन में दीदी के पीछे से अपना डाले हुए थे और अन्दर बाहर कर रहे थे. दीदी को दर्द हो रहा था तुम उनकी गांड मार रहे थे न … मैं ये सब जीजा को बताने की सोच रही हूँ.
मैंने उससे सॉरी बोला. वह बोली- सॉरी से कुछ नहीं होता. मुझे कुछ और भी चाहिए! मैंने उससे कहा- तुमको जो चाहिए वो दिला दूंगा. उसने बोला- ठीक है, जब मैं बोलूँ तो बस अपना फोन दे देना.
मुझको भी अपने बीएफ से बात करनी होती है. मैंने कहा- ठीक है. फिर हम दोनों में खुल कर बात होने लगी. नीता ने बताया कि कैसे उसने पहली बार अपनी चूत में लंड लिया था.
मामी की मिलने में कुछ दिक्कत आने लगी थी. अब नीता भी रहती थी तो सब कुछ इतना आसान नहीं रह गया था. मेरे दिल में नीता की लेने की इच्छा बलवती होने लगी थी. एक रात मामा के कुछ दोस्त आए थे, वे दोनों बाहर दारू वगैरह पीने गए थे.
मामा के दोस्तों की वजह से नीता उस दिन मेरे रूम में सोने आ गई थी. रात को हम सब सोने चले गए. मामा जी वगैरह को देर से वापस आना था. तभी मामी का एमएमएस आया कि बाथरूम में आओ.
मैं जैसे ही उठा नीता बोली- दीदी की लेने जा रहे हो ना … अपना फोन दे जाओ. तब तक मैं अपने वाले से बात कर लेती हूँ. तो मैं उसको फोन दे कर बाथरूम में चला गया. वहां जाते ही देखा कि मामी बिना कपड़ों के थीं.
मैं एकदम से उनके ऊपर टूट पड़ा और कुछ ही मिनट में एक दूसरे को चूसने चाटने लगे. उसके बाद मामी बोलीं- जल्दी करो, जाना भी है. तेरे मामा घूम कर आते ही होंगे. मैंने भी तुरंत उनको डॉगी स्टाईल में किया और उनकी गांड में लंड पेल दिया.
मामी को गांड में लंड की उम्मीद नहीं थी. लौड़ा लेते ही वे चिल्ला उठीं- आईई मर गई … निकालो बाहर. पर मैं कहां रुकने वाला था. मैं उनको ताबड़तोड़ पेलने लगा. कुछ देर तक वे भर भर कर गाली दे रही थीं- रुक जा मादरचोद … आह लग रही है.
पर 5 मिनट गांड चुदवाने के बाद अब मामी को मजा आने लगा था और वे भी अपनी गांड को आगे पीछे करने लगीं. कुछ 15 मिनट बाद वे बोलीं- अपने मन की कर ली हो, तो अब मेरी चूत में भी रगड़ लगा दो.
मैंने उनकी दस मिनट तक चूत चोदी और उतनी देर में मामी स्खलित हो गई थीं. अब मैंने उनकी चूत से लंड निकाल कर उनके मुँह में दे दिया. वे मेरा पूरा माल पी गईं और मैंने भी उनकी चूत चाट कर साफ कर दी.
तब वे चली गई. मैं रूम में वापस आया तो देखा नीता अपने बीएफ से बात कर रही थी. तो मैं भी धीरे से आकर उसके बाजू में लेट गया. अब मेरा ध्यान नीता की बातों पर गया, वह सेक्स चैट कर रही थी और बोल रही थी- आज बहुत मन कर रहा है.
मैंने देखा तो साली अपनी चूत में उंगली कर रही थी. मैं समझ गया कि लौंडिया गर्म है. अब मेरा दिमाग घूमा. मैंने सोचा कि ट्राई करते हैं, क्या पता इसकी भी मिल जाए.
यदि इसकी मिल गई तो चांदी ही नहीं, सोना भी लौड़े को मिल जाएगा. मैंने नींद के बहाने अपना हाथ उसकी कमर पर रख दिया. वह टॉप में नहीं थी, पर उसने कुछ बोला नहीं.
इससे मेरी हिम्मत बढ़ने लगी और मैं एकदम से उससे चिपक गया. तब मुझे समझ आया कि वह केवल ब्रा पैंटी में है. वह भी पूरी तरीके से नहीं है. दूध ब्रा से बाहर निकले हुए थे.
मैंने अपना लंड उसकी गांड में धंसाना शुरू किया. जब 5 मिनट तक वह कुछ नहीं बोली और उसने फोन भी रख दिया. तो मैं हिम्मत करके उसकी चूची को दबाने लगा. उसकी चूचियां एकदम सख्त थीं, निप्पल तो जैसे पत्थर हो गए थे.
मैंने अब अपना लंड बाहर निकाला और उसके पीछे से रगड़ने लगा. वह मेरी तरफ पलट गई और बोली- ये सही है. मैं समझ गया कि हॉट गर्ल फक के लिए तैयार है. मैंने तुरंत उसके होंठों को अपने होंठों के बीच डाला और चूसने लगा.
साथ ही अपना हाथ उसकी गांड पर रख कर एक चूतड़ को दबाने लगा. लंड को उसकी चिकनी चूत पर पैंटी के ऊपर से रगड़ने लगा और पागलों की तरह किस करने लगा.
कुछ ही मिनट बाद वह भी मेरे ऊपर ऐसे टूट पड़ी, जैसे कई दिनों से भूखी हो. करीब 20 मिनट हम एक दूसरे को ऊपर से नीचे तक चाटते रहे थे, चूसते रहे थे. इसी बीच हमने जो भी थोड़े से कपड़े पहने थे, उन्हें भी उतार दिए थे.
उसने मेरे को कई जगह दांत से काट लिया था. मैं अपने एक हाथ से उसकी चूत में उंगली भी कर रहा. तभी उसका पानी निकलने वाला हो गया था. उसने अपनी पूरी बॉडी एकदम से अकड़ा ली और आह आह करने लगी.
मैं समझ गया. मैंने झट से 69 की पोजिशन ली और अपनी जीभ उसकी चूत में डाल कर जीभ से उसको चोदने लगा. मैं अपना लंड उसके मुँह में डाल कर मुँह को भी चोद रहा था.
मेरा पूरा लंड उसके मुँह में नहीं जा रहा और गुं गुं की आवाज आ रही थी. तभी उसका पानी निकल गया. मेरा लंड उसके मुँह में था. वह एक मछली की तरह तड़प उठी. मैंने उसका सारा पानी पी लिया और सीधा लेट गया.
फिर उसे अपने पैरों के बीच में लेटा कर उसके मुँह को चोदने लगा. कुछ मिनट बाद मैंने पानी छोड़ा तो नीता ने तुरंत मुँह हटा लिया. पर कुछ माल उसके मुँह में चला गया था और कुछ उसकी बॉडी पर लग गया था.
वह मेरे बगल में लेट गई और हम 10 मिनट लेट रहे. उसके बाद मैंने फिर से नीता के मुँह में अपना लंड दे दिया और उसने चूस कर उसको रेडी कर दिया.
साथ ही अब उसने अपनी टांगों को फैला दिया और बोली- जल्दी करो. मैंने भी लंड सैट कर दिया. उसने कहा- आराम से करना, दीदी की तरह नहीं कि आवाज सबको सुनाई आ जाए.
मैंने हंस कर धीरे से लंड का सुपारा पेलते हुए दम लगाया. जैसे ही सुपारा चूत के अन्दर गया, नीता ने जोर से अपने होंठों को दांतों के बीच दबा लिया. तभी मैंने दूसरा झटका दे मारा.
मेरा आधे से ज्यादा लंड अन्दर चला गया और नीता के मुँह से जैसे ही आवाज निकलने को हुई कि मैंने होंठों से उसकी आवाज दबा दी.
उसकी दर्द भरी आवाज दब कर रह गई. मैं कुछ देर ऐसे ही रुका रहा. जब उसे थोड़ा आराम मिला तो मैंने अगले झटके में पूरा लंड अन्दर पेल दिया. नीता चिल्ला उठी- उईई मां … आई मर गई … आई ईईई …
वह मुझको हटाने लगी. सच में उसकी चूत में लंड ऐसे लग रहा था, जैसे किसी ने दबा दिया हो. वह रो रही थी, पर अब मैं कहां रुकने वाला था. मैंने किस करना शुरू किया और लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ ही मिनट में नीता भी पूरा साथ देने लगी. वह खुद गांड उठा उठा कर बोलने लगी- और जोर से … आह कई महीनों के बाद चूत को लंड मिला है और वह भी इतना लंबा मोटा.
आज तक मेरी चूत ने इतना बड़ा लंड नहीं लिया … और जोर से चोदो. मैंने धकापेल मचा दी. उसने कहा- आज मुझे पूरा मजा चाहिए … वह भी किसी पोर्न स्टार की तरह. मैं चिल्ला चिल्ला कर चुदना चाहती हूँ.
मैंने कहा- तुम्हारे जीजा जी सुन लेंगे. वह बोली- चलो, तुम्हारे घर चलते हैं. अभी 12 बज रहा है, चार बजे तक आ जाएंगे.
कोई नहीं जान पाएगा. उधर पूरा मजा लेंगे. मैंने भी सोचा कि उधर ही सही रहेगा, यहां डर भी है. अब हम दोनों उठे और छत पर आ गए. उसके बाद अपने घर में आ गए.
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