ठाकुर जमींदार ने ससुराल में की मस्ती

Dilshad Ahmad


नमस्कार दोस्तो, कैसे मैंने अपनी मौसी सास को रात में ठोक दिया था. अब आगे की कहानी दूसरे दिन सुबह उठ कर रूम से बाहर आया और देखा तो ससुर जी घर में नहीं थे. 

औरतें घर के कामों में व्यस्त थीं. मैंने चाय के लिए आवाज लगायी. कुछ देर बाद मेरी सास चाय लिए हुए आईं. मैंने चाय नाश्ता किया और बाहर निकल गया. 

मैं चलते चलते खेतों की ओर आ गया. मुझे एक जगह देख कर अपनी पहली मस्ती याद आ गई. उस समय मैं अपनी ससुराल में आया ही था. मैं उस घटना को सोचने लगा. 

उस दिन खेतों में मजदूर काम कर रहे थे. मैं कुछ दूर और आगे बढ़ा … तो मुझे खेतों में अन्दर की तरफ कुछ खेत सरसराते और हिलते हुए दिखे. मैं थोड़ा डरा, पर आगे बढ़ा तो खेत का नजारा मेरे काम का निकला. 

ससुर का लठैत कल्लू एक मजदूर की लड़की के साथ सेक्स भरी हरकतें कर रहा था. वो लड़की के कपड़े उतार रहा था और ऊपर की फ्रॉक उतार चुका था. उसके नन्हे नन्हे दो नीबुओं के साथ खेल रहा था. 

उसे मस्ती से दबा रहा था और चूस रहा था. लड़की कभी विरोध करती, तो आंह आंह करती हुई कभी मजा ले रही थी. लड़की बार बार बोले जा रही थी- चाचा छोड़ो मुझे .. आप गंदे हो. 

हर बार मुझे नंगी कर देते हो. मेरे दूध दबाते हो और मेरे अन्दर उंगली घुसाते हो. अपनी नूनी मेरे मुँह में डाल देते हो और पिछली बार तो आपने मेरे मुँह में मूत भी दिया था. मुझे उल्टी हो गयी थी. 

कल्लू बोला- अरे मेरी रानी वो मूत नहीं … मेरे लंड का रस था. तुझे इसमें मजा नहीं आता है क्या? ऐसा बोल कर कल्लू ने उस लौंडिया की चूत में उंगली घुसा दी. ‘आह आह उई …’ करती हुई वो लड़की बोली- हां मजा तो आता है, पर कभी कभी दर्द भी होता है. 

कल्लू ने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और चूसने लगा. वो अपने एक हाथ से उस लौंडिया के छोटे छोटे दूध दबाने लगा और एक हाथ को चूत पर चलाने लगा. 

लड़की एक साथ तीन हमले से हम्म हम्म करती रह गयी. मैं सब चुपचाप देखता रहा. मेरा लंड सब देखकर खड़ा हो गया था और अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. पर मैंने खामोश रहकर आगे की हरकत देखने की सोची. 

अब कल्लू ने अपनी धोती उतार कर अपना लंड उस लड़की के हाथों में पकड़ा दिया. उसने कहा- ले इसे मुँह में! लड़की ना ना कहने लगी. कल्लू ने उसका सर पकड़ कर लंड को उसके मुँह के पास ले गया और बंद होंठों पर लंड दबाने लगा. 

लड़की गर्दन हिला भी नहीं पा रही थी और हंस कर मना कर रही थी. आखिरकार उसे मुँह खोल कर लंड को अन्दर लेना पड़ा. कल्लू उसका सर पकड़ कर आगे पीछे करने लगा. ये देख कर मैं ताव में आ गया और सीधा सामने जाकर कल्लू की गर्दन पकड़ कर जोर से चिल्लाया- कलवा हरामजादे … ये काम करने खेतों में आता है? 

वो दोनों नंगे थे, मुझे देख कर दोनों की हालत खराब हो गयी. लड़की कपड़े उठाने लगी. कल्लू भी धोती उठाकर खुद को ढकने लगा. पर लड़की के कपड़ों पर मैंने पैर रख दिया, वो कपड़े उठा ना सकी. उसने अपने दोनों हाथों से अपने स्तन ढक लिए और पैर एक के ऊपर एक करके चूत को छुपाने लगी. 

कल्लू डर के मार थरथराने लगा- मालिक माफ कर दो, अब से ये गलती नहीं करूंगा. मालिक माफ कर दो. वो गिड़गिड़ाने लगा. मैंने कहा- हरामजादे, लड़की के साथ ये घिनौना काम कर रहा है. 

मैं तुझे नौकरी से निकलवा दूंगा. कल्लू- मालिक माफ कर दो. मालिक ये गलती दुबारा से नहीं होगी मालिक. मैं बोला- तू जाकर खेतों वाली झोपड़ी के पास खड़ा हो जा, तुझे मैं वहीं आकर देखता हूँ. 

मेरे आने तक वहां से हिला … तो तू समझ लेना कि क्या होगा. कल्लू बोला- जी मालिक. कल्लू कपड़े उठाकर वहां से चल पड़ा. अब उस चिड़िया की बारी थी. मैंने उसे अपने पास बुलाया. वो मेरे नजदीक आयी और रोने लगी. मैंने उसे डांटा और पूछा- तेरा नाम क्या है? 

तो वो रोते हुए बोली- पूनम. मैं- रोना बंद कर, नहीं तो सबको बता दूंगा. तू कल्लू के साथ क्या कर रही थी? पूनम हम्म हम्म करती हुई मुझे देखने लगी. मैंने भी उसे गौर से देखा. सांवला रंग था, पर देखने में खूबसूरत थी. 

उसकी चुचियों के नाम पर नींबू से थोड़े बड़े फुकना से दिख रहे थे. उसकी हाइट मेरे पेट तक आ रही थी. ये गदर माल कल्लू के हाथ कैसे लगी, मैं ये सोचने लगा. फिर मैं अपने घुटनों पर बैठ गया और उसे अपने पास खींच लिया. 

मैं उससे बोला- देख पूनम, तू समझदार और खूबसूरत लड़की है. मैं जो पूछू … उसका सही सही जवाब देना. तुम कपड़े पहन लो और डरो मत. इससे पूनम का डर थोड़ा कम हुआ. 

उसने जल्दी से फ्रॉक पहन ली और मेरे सामने खड़ी हो गई. मैंने उससे पूछा- तू कल्लू के जाल में कैसे फंसी. वो बोली- मेरे माई बापू खेत में काम करते हैं. मैं आपके खेत के झोपड़े के पास खेलते रहती थी. 

एक दिन कल्लू चाचा मेरे पास आए और बोले कि पूनम चल हम तुझे घुमा कर आते हैं. वो मुझे खेतों में लेकर आ गए और पैसे का लालच देकर मुझे नंगी कर दिया. फिर ये सब करने लगे थे. 

पहली बार मुझे 10 रू दिए थे और बोले थे कि किसी को बताना नहीं. मैंने पूछा- ऐसा कितनी बार उसने किया? वो बोली- बहुत बार … कभी कभी वो मेरी माई को लेकर भी जाते हैं और कभी कभी छुन्नू की दीदी को भी लेकर जाते हैं. 

मैं समझ गया कि कलवा ने यहां जुगाड़ बना रखी है. मैंने उससे पूछा- कल्लू तेरी माई के साथ या छुन्नू की दीदी के साथ क्या करता है, तूने कभी वो देखा है क्या? वो बोली- हां मैं एक दिन माई के पीछे गयी थी, तब देखा था. 

वो माई की साड़ी उठाकर माई पर लेट गया था और माई आह आह कर रही थी. मैंने पूछा- तुमने ऐसा किसी और को करते देखा है क्या? वो बोली- हां वो नीरज को भी देखा था, वो खेत में छगन भैया के साथ नंगे होकर उससे पीछे से लड़ रहे थे. 

मैं बोला- तूने ये सब और किसी के साथ भी किया है? वो बोली- हां गन्नू के बापू मुझे उठा कर खेत में ले जाकर ये सब करते हैं. वो मेरी सुसु के साथ खेलते हैं. वो कहते हैं कि ये चूत कहलाती है. 

मैंने कहा- अच्छा जरा अपनी चूत तो दिखा. ये सुनते ही उसने अपने मुँह पर हाथ रखा और आह करके शर्मा कर बोली- छि: ये क्या बोल दिया. मैं बोला- दिखाती है या तेरे बापू को बुलाऊं? उसने अपनी फ्रॉक ऊपर करके अपनी नन्हीं सी मुनिया मुझे दिखा दी. 

मुझे कुछ शक हुआ क्योंकि उसकी बुर थोड़ी फैली हुई थी. मैंने उंगली उसकी चूत पर रख कर चूत को घिसना चालू किया. तो वो फ्रॉक उठाए हुए आनन्द लेने लगी. मैंने उंगली घिसते घिसते धीरे से बीच की उंगली अन्दर सरका दी. 

वो चिहुंक उठी और थोड़ी उछल पड़ी. मैंने पकड़ कर उसे अपनी जांघों पर बिठाया, पर चूत में उंगली चलानी जारी रखी. अब वो भी मजा ले रही थी. मैंने एक हाथ ले जाकर उसके नींबू पर रखा और उसके छोटे छोटे बटन दबाने लगा. 

वो भी मस्त होने लगी. मेरा लंड महराज खड़ा होकर अकड़ने लगा. एक अठारह उन्नीस साल की देसी वर्जिन गर्ल सेक्स के लिए मेरे सामने थी, मेरे लंड की शिकार बनने जा रही थी. 

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने अपना लंड आजाद कर दिया. लंड बाहर आकर लहराने लगा. ये देख कर पूनम शर्मा गयी और नजरें नीची करके बैठी रही. 

मैंने उसका हाथ लिया और अपने लंड पर रख दिया. वो मेरे लंड को हाथ में लिए देखती रही. मैंने उसके हाथ को पकड़ कर लंड आगे पीछे करने लगा. कच्ची कली की नाजुक कलाई मेरे लंड पर मुझे मजा देने लगी थी. 

अब वो खुद लंड आगे पीछे करने लगी थी. उसके मन में भी कुलबुलाहट होने लगी. मैंने उसके एक स्तन के निप्पल को होंठों में पकड़ कर चूसा तो उसकी आह निकल गयी. 

मैं बिना रूके उसके निप्पल पर टूट पड़ा. कुछ ही पलों में वो मदमस्त होने लगी. उंगली अब जोर से अन्दर बाहर होने लगी. कुछ देर मैं उसने मेरे लंड को जोर से दबा दिया और जोर से थरथराते हुए वो झड़ने लगी. 

मैंने भी बिना देर किए उसे उठाया और कंधे पर लेकर अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया. अपनी जीभ से सारा रस चाट कर पीने लगा. मेरी इस हरकत से उसमें नयी उर्जा आ गयी. 

उसने मेरे बाल पकड़ लिए और मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी. लड़की हो या औरत … झड़ने लगे तो उसमें ताकत बहुत आ जाती है. मैं भी उसकी आज्ञा समझ जीभ से चूत को चाट कर खाने लगा. 

जीभ जितनी अन्दर जाती, पूनम उतनी थरथराने लगती. कुछ देर में पूनम शांत हो गयी. मैं भी उसे नीचे उतार कर उसके होंठों को चूसने लगा. पूनम की सांसें गर्म हो चुकी थीं. मैंने इशारा समझ कर फिर से उसे उठाकर अपने लंड पर बैठाने लगा. 

वो भी समझ गयी. उसने लंड को अपने हाथों में पकड़ा और उसे सैट करने लगी. साली को सब पता था. अब देखना ये था कि बुर की सील कायम है कि नहीं. लंड को उसकी चूत पर सैट करके मैं पूनम को लंड पर बैठाने लगा. 

आहिस्ता आहिस्ता लंड अन्दर घुसाने लगा. चूत का मुँह एकदम छोटा था. लंड चूत के मुँह पर ही अटक गया. मैंने पूनम को उठाया और लंड पर थूक मल दिया. 

अब फिर से पूनम को उठाकर लंड पर सैट किया और झटके में बैठा दिया. पूनम कराह उठी. मेरा लंड दो इंच अन्दर घुस कर कहीं अटक गया था. पूनम की आंखें बड़ी हो गयी थीं. वो अपना दर्द भरा चेहरा लिए मेरी ओर देखने लगी. 

मैंने उसे समझाया कि बस एक बार दर्द होगा. बाद में कभी भी दर्द नहीं नहीं होगा. वो कराहती हुई बोली- गन्नू के बापू ने भी किया था, तब भी दर्द हुआ था और आज फिर हुआ. 

मैं सोचने लगा कि ये तो साली खेल खाई लौंडिया दिख रही है. मगर इसकी चूत कुछ और ही कह रही थी. फिर वो धीमे से बोली- अन्दर गया क्या पूरा? इस सवाल पर मैं भी देखने लगा कि आधा फंसा लंड किस हालत में है. 

फिर मैंने एक बार लंड खींचा और नीचे से मैंने जोर लगाया. इस दोहरे वार से लंड झटके में चूत की झिल्ली फाड़ता हुआ अन्दर दाखिल हो गया. पूनम की चीख निकल गयी. 

आंख से आंसू बहने लगे और चूत में से खून की पिचकारी निकल गयी. मैंने खून देख कर आह भरी कि माल पैक था. फिर उसके मुँह पर हाथ रख कर उसे चुप कराया. पूनम कराही- आंह निकालो आप अपना औजार … आंह मैं मर जाऊंगी. 

पेट तक चला गया. मेरी फट गयी. मैं शांत था और उसकी बातें सुन रहा था कि साली सब नाम मालूम हैं. कुछ देर बाद मैं हरकत में आ गया और उसे ऊपर नीचे करने लगा. खून की नमी की वजह से लंड अन्दर बाहर होने लगा. 

उसे दर्द अभी भी था, पर अब वो रो नहीं रही थी. बस ‘आई आनह इस्स …’ करती रही. कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा. वो अपने आप लंड पर उछलने लगी. उसकी चूत में लंड की जगह बन चुकी थी. 

करीब दस मिनट तक मैं उसी आसन में पूनम को पेलता रहा. इस बीच वो दो एक बार थरथराती हुई झड़ भी गई थी. फिर मैंने उसे उठाया और नीचे जमीन पर लिटा दिया. 

मेरा लंड खून से सना था पर मुझे अभी रूकना नहीं था. कली फूल बन तो गयी थी पर जड़ में खाद डालना बाकी था. मैंने पूनम के पैरों को उठा कर फैलाया और बीच में बैठ कर लंड को चूत पर रख दिया. 

चूत की फांकों ने लंड का सुपारा ले लिया था. मैंने जोर का झटका दे दिया. ‘आह मर गई …’ की आवाज पूनम के मुँह से निकल गयी मतलब मेरा लंड पूनकी चूत की गुफा के अंतिम छोर तक पहुंच गया था. 

अब धक्का शुरू करके मैं पूनम को पेलने लगा. उसे दर्द था, पर वो साथ दे रही थी. करीब 10 मिनट तक चुदने के बाद पूनम ने मेरी भुजाओं को कसके पकड़ा, नाखून गाड़ने लगी. मैं समझ गया कि ये बहने लगी है. 

कुछ 10 मिनट बाद मैं भी झड़ने को हो गया. मैंने महसूस किया कि पूनम फिर से अकड़ने लगी. इस बार हम दोनों झड़ने लगे. लंड को झटके मार मार कर मैं खाली हो गया. मैंने पूनम को अपने बदन पर ले लिया और लेटा रहा. 

कुछ देर बाद मैंने पूनम को पूछा- गन्नू के बापू ने तुझे पेला था, तो तेरी झिल्ली कैसे बच गयी? वो बोली- उसकी तो नूनी है … आपका तो औजार है. फाड़कर ही दम लेता है. 

मुझे अभी भी दर्द है. मैंने सोचा कि अगर गन्नू का बापू एक लौंडिया नहीं चोद सकता तो गन्नू किसका उत्पादन है. मुझे चोदने के लिए एक और शिकार मिल गया था. 

मैंने पूनम को उठाया, उसे 100 रूपए दिए. रूपए देख कर उसके चेहरे पर रौनक आ गयी, वो दर्द भूल गयी. उसे चलने में तकलीफ थी तो मैंने पूछा- घर वाले पूछें कि पैसे कहां से आए और तू ऐसे क्यों चल रही है, तो क्या कहेगी? 

वो सयानी थी, बोली कि बोल दूंगी कि रुपए मुझे खड्डे में गिरे पड़े मिले, उठाने गयी तो मोच आ गयी. उसका जवाब सुन कर मैं खुश हो गया और उसे झट से एक और 100 की नोट पकड़ा दिया. 

मैं बोला- एक घर पर दे देना … और एक छुपाकर खुद के पास रख लेना. तुझे जो अच्छा लगे, वो ले लेना. वो खूब खुश हो गई और मुझे गाल पर चूमने लगी. 

मैं भी बहुत खुश था. हम दोनों ने कपड़े पहने और झोपड़ी के पास आ गए. उस घटना की याद आते ही मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई और मैं फिर से गुन्नू की माई की खोज में आगे बढ़ गया.

Tag :- hindi kahaniya,hindi kahaniyan,hindi kahani,kahaniyan,kahani,kahaniya,kahaniya in hindi,sexy kahani,hindi sex kahaniyan,suvichar hindi kahaniyan,moral kahani,sexy kahaniyan,hot sex kahani,moral kahaniya,hindi sex kahani,audio sex kahani,gharelu kahaniya,romantic kahaniya,sachi kahaniyan,world of kahaniyan,suvichar kahaniyan,camukta.com ki kahaniya,sadabahar kahaniyan,parivarik kahaniyan,hindi khaniya,manohar kahaniyan hindi,garam kahani,hindi story,story in hindi,emotional story,motivational story,hindi kahaniyan,hindi kahani,hindi stories,sex story,heart touching story,story,romantic story,love story,hindi moral story,hindi kahaniya,moral stories in hindi,motivational story in hindi,bedtime story,sex stories,sad story,sex story hindi,odia sex story,moral story,audio sex story,family story,hindi sex story,inspirational story,hindi audio story,hindi story kahani,hindi kahani,hindi kahaniyan,hindi kahaniya,kahaniyan,kahani,kahaniya in hindi,kahaniya,sass bahu ki kahani,suvichar hindi kahaniyan,choot chudai ki kahani,bhoot ki kahani,sr hindi kahaniyan,pati patni ki kahani,suvichar kahaniyan,moral kahaniya,hindi kahaniyan total kahaniya,desi kahani,chudai kahani,romantic kahaniya,ronim kahaniyan,bala hindi kahaniyan,parivarik kahaniyan,pariwarik kahaniyan,moral kahani,gharelu kahaniyan,hindi story,motivational story,story,antarvasna story,emotional story,romantic story,moral story,heart touching story,story in hindi,love story,antarvasna,antarvasna kahani,sad story,adult story,inspirational story,antarvasna sex story,antarvasna. com,antarvasana story,life story,antarvasna hindi story,antervasna,antarvasana sexy story,family story,antarvashna,antarvasana,romantic story in hindi,lessonable story,educational story,hindi kahani,kahani,hindi kahaniya,sexy kahani,kahaniya,hot sex kahani,audio sex kahani,hindi sex kahani,sex kahaniya,kahaniya in hindi,moral kahaniya,moral kahani,sex stories,#sexy khani,kya nepal sex free country hai,nepal ka sex free village,hindi story kahani,hot sexy kahani,hindi sex kahaniyan,hindisexy kahani,sex,sexy kahaniya,sexy kahanian,#kahani,sexy kahani in hindi,hot kahani,urdu kahani,camukta.com ki kahaniya,chudai kahani,charamsukh,charamsukh video,story,charmsukh,hindi story,moral story,charamsukh web series,story in hindi,bedtime story,short video,charamsukh chawl house ullu web series story explain,charmsukh chawl house 2 full story explained,charmsukh sex education,charamsukh sautela pyaar ullu web series story explain,charmsukh web series story explained in telugu,charm sukh hate story,charmsukh sex education ullu,hindi moral story,chudai ki kahani,family sex story,bhabhi sex story,teacher sex story,sali sex story,aunty sex story,group sex story,first time sex,desi kahani,ullu web series,hothits,uncut web series,bindastimes web series.