दोस्तो, मेरा नाम मंटू कुमार हैं. मैं यूपी के मुरादाबाद के पास के एक गांव में रहता हूँ. मैं अपने बारे में बता दूं कि मैं एक अच्छे परिवार से हूं.
मेरी उम्र 19 साल है और 12 वीं पास करके फार्मेसी का डिप्लोमा कर रहा हूँ. इस डिप्लोमा कोर्स का यह मेरा दूसरा साल है.
मेरी लंबाई 170 सेंटी मीटर है. मेरे लंड की लंबाई अच्छी है और यह 7.2 इंच लम्बा है. मेरा रंग गोरा है. कोई भी लड़की मुझे देखकर आसानी से मेरी तरफ आकर्षित हो जाती है.
मैं एक शरीफ लड़का हूं और शर्मीला लड़का हूं. मैं बहुत ही ज्यादा शर्माता हूं और लड़की को देखकर मेरे दिल की धड़कनें इतनी ज्यादा बढ़ जाती हैं कि क्या ही कहूँ.
मेरे गांव में मैं जिस मुहल्ले में रहता हूं, वहां लड़कियां ही लड़कियां रहती हैं. फिर भी मैं किसी से नजरें तक नहीं मिला पाता था. पता नहीं क्यों … मुझे डर इतना ज्यादा लगता था.
अपनी ममेरी बहन की बात करूँ तो उसकी उम्र 19 साल है, पर वह अपनी उम्र से दो साल बड़ी लगती है. उसका साइज भी मस्त है. उसके 34 इंच के चूतड़, दूध 32 इंच के और पतली सी कमर 28 की है.
उसका रंग एकदम मक्खन जैसा सफेद है. वह बहुत ही ज्यादा खूबसूरत है. कोई भी उसे देखकर उसे चोदने को मचल जाएगा; उसकी चूत चाट कर खाने का मन करने लगेगा.
यह अभी कुछ दिन पहले की बात है हुआ यूं कि जब मैं अपनी डिप्लोमा के पहले वर्ष के इम्तिहान देने गया तो मेरा सेंटर जहां पड़ा था, वहां जाने के लिए दो रास्ते थे. एक रास्ते से होकर से सेंटर 85 किलोमीटर पड़ता था.
पर उस रास्ते पर नानी का गांव पड़ता था. लेकिन वह रास्ता लम्बा था इसलिए मैं उस रास्ते से आता जाता नहीं था. मैं शॉर्टकट रास्ते से जाता था जिससे कॉलेज सेंटर केवल 60 किलोमीटर पड़ता था. हुआ यह कि मेरा मन मामा के घर जाने को कर रहा था.
इम्तिहान टाइम 9.00 बजे का था. मैंने मन बनाया कि क्यों ना आखिरी वाला पेपर देकर आराम से सब जगह घूमता हुआ जाऊंगा. जब मेरा अंतिम पेपर हो गया तो मैं नानी के घर को निकल गया. उस दिन मैं बहुत खुश था क्योंकि मैं बहुत दिन बाद मामा के घर जा रहा था.
मेरे इम्तिहान भी खत्म हो गए थे और मैं बिल्कुल ही तनाव मुक्त हो गया था. जब मैं मामा के घर पहुंचा, तो मैंने सबको नमस्ते की. मेरे दो मामा हैं.
बड़े मामा के तीन बच्चे हैं. दो लड़के और एक लड़की. उनकी लड़की का नाम नेहा था. नेहा से बड़ा भाई रोहित, जो कि बाहर जॉब करता था. दूसरा भैया अनिल, नेहा से छोटा था और वह 11वीं में था.
मेरे छोटे मामा के चार बच्चे हैं. उनके दो लड़के और दो लड़कियां हैं. उनके सभी छोटे छोटे बच्चे थे. उनका घर बड़े मामा के घर से थोड़ा दूर है.
जब मैंने नेहा को देखा तो मैं देखता ही रह गया कि क्या हुस्न की परी लग रही थी. मैंने फ्रेश होकर नाश्ता किया. फिर सब लोग बातचीत करने लगे. मामी जी ने पूछा- बेटा, कहां से आ रहे हो? मैंने कहा- मैं इम्तिहान देकर आ रहा हूँ.
मामी ने कहा- नेहा को भी बता देना कि अब वह कौन सा कोर्स करे नेहा ने इस साल इंटर किया है. मैंने कहा- अच्छा ठीक है. मैं इससे पूछ लूंगा कि यह कौन सा कोर्स करना चाहती है.
यही सब बातों में दिन डूब गया और अब रात होने वाली थी. सब लोग सोने चल दिए. मैं भी चल दिया. मामा के घर के एक कमरे में हम तीन लोग थे, मैं, नेहा और उसका भाई. मैं पेपर निकाल कर चैक करने लगा कि कितने उत्तर ठीक दिए हैं.
नेहा भी मेरे पास आकर बैठ गई. हम दोनों बात करने लगे. तभी मेरी नज़र नेहा की चूचियों पर पड़ी. मैं अनजान बनकर बात ही करता रहा. मैंने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया. हम सभी सोने लगे.
अगले दिन नेहा नहा कर मुझे उठाने के लिए आई. जब मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया. उसके गीले शर्ट में उसकी चूचियां साफ दिख रही थीं.
मैं उससे नजर बचाकर देखने लगा और उठ कर फ्रेश होकर नाश्ता करने आ गया. मैंने फिर से नेहा को घूर कर देखा. उसकी चूचियां मेरे लंड को खड़ा कर रही थीं.
उसी समय नेहा ने मेरी तरफ देखा तो मैंने दूसरी तरफ नजरें कर लीं और कुछ पल बाद फिर से चोर नजरों से उसे देखने लगा. मेरे मन में उसे चोदने के सेक्सी विचार आने लगे.
फिर मैंने ध्यान हटाया और नाश्ता करने लगा. मैं कुछ देर बाद कमरे में जाने वाला ही था कि तभी नेहा मुझसे टकरा गई. उसके टकराते ही उसकी चूचियां मेरे सीने पर जोर से रगड़ गईं.
वह गिरने को हुई तो मैंने उसे थाम लिया. उसने मेरी तरफ देख कर सॉरी बोला और रास्ता छोड़ कर खड़ी हो गई. मैं उसके बाजू से जाने लगा. अब मेरे दिमाग में नेहा की चूचियों के लग जाने की बात चलती रही.
मैं रूम में जाकर एक डबल एक्स चुदाई वाली किताब पढ़ने लगा. तभी नेहा आई और बोलने लगी- क्या कर रहे हो? मैंने कहा- खुद ही देख लो! मैंने जानबूझ कर उसकी तरफ किताब का वह पन्ना खोल कर उसे दिखाने लगा जिसमें एक मस्त औरत की फ़ोटो छपी थी.
नेहा किताब देखने लगी थी. मैं उसे देखकर सोचने लगा कि यह तो खुद ही गर्म हुई पड़ी दिख रही है. किताब देखने लगी तो क्यों ना आज पहली चुदाई नेहा के साथ ही की जाए.
नेहा का फिगर एकदम सेक्सी था. मैं उसकी चूचियां को देखने लगा था. तभी मामी ने उसे बुला लिया. मेरी बदकिस्मती से वह उसमें एक चुदाई की कहानी के चुदाई वाले सीन तक नहीं पहुंच पाई थी. कुछ देर बाद नेहा फिर से आई और फिर से किताब देखने लगी.
नेहा ने आख़िरकार वह पन्ना खोल लिया जिसमें मर्द और औरत की अश्लील फ़ोटो लगी थी और उसमें भाई बहन के बीच की चुदाई की कहानी भी लिखी हुई थी.
वह भाई बहन के सेक्स की कहानी पढ़ने लगी. मैं भी उसके पास आकर पढ़ने लगा. हम दोनों बिना कुछ बोले किताब पढ़ रहे थे. लगभग आधी कहानी पढ़ने के बाद नेहा उठी और बाथरूम जाने लगी. मैं छुपकर देखने जाने लगा.
बाथरूम दो थे, मैं बाद में जाकर दबे पांव से दूसरे बाथरूम में चला गया. बाजू वाले बाथरूम की आवाज सुनाई दे रही थी. मैंने सुना कि नेहा की मादक आवाजें निकल रही थीं. वह सिसकारियां भर रही थी. उसकी ऐसी गर्म आवाजें सुनकर मेरा बुरा हाल था.
मैंने अपना लौड़ा निकाला और हाथ में लेकर हिलाने लगा. उधर शायद नेहा भी अपनी चूत में उंगली कर रही थी.
कुछ देर बाद वह झड़ कर चली गई.
मेरा लंड भी झड़ने वाला था. नेहा बाहर जाकर रूम में आवाज लगाने लगी. मैं जल्दी जल्दी हाथ चलाने लगा और मैं भी झड़ गया. फिर मैं हाथ धोकर बाहर आ गया.
बाहर आकर मैं नेहा से बोला- क्या बात है नेहा … अभी कुछ अजीब सी आवाज क्यों सुनाई दे रही थी?
वह बोली- तुम कहां गए थे?
मैंने कहा- मैं तो छत पर था.
नेहा बोली- मुझे नहीं पता कि तुम किन आवाजों की बात कर रहे हो!
वह फिर से किताब पढ़ने लगी. तभी मामी ने कमरे में आकर कहा- मैं बाजार जा रही हूं, मुझे टाइम लग सकता है. मेरे मन में लड्डू फूटने लगे. अब घर पर कोई नहीं था. मामा खेत पर थे, नेहा का भाई स्कूल गया था. अब नेहा और मैं ही रह गए थे.
मैंने रूम में जाकर दरवाजा अन्दर से बंद कर दिया. लाइट जलने के कारण नेहा को पता नहीं चल सका कि मैंने दरवाजा बंद कर दिया. वह अभी भी किताब पढ़ने में मस्त थी. मैंने नेहा को पीछे से पकड़ लिया और उसके मुँह पर हाथ रख दिया.
वह छटपटाने लगी और उसने अपने मुँह पर से मेरा हाथ हटाकर कहा- यह क्या कर रहे हो? मैंने कहा- कुछ नहीं. नेहा मेरी तरफ पलट गई. उसकी चूची मेरे सीने पर जा लगी और उसकी बड़ी चूचियां मेरे सीने से लगभग पीस सी गईं. उस वक्त मुझे अहसास हुआ कि उसके दूध काफी बड़े थे.
वह मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी. मैंने बिना देर किए उसका कुर्ता निकाल दिया. अब वह मेरे सामने सलवार और ब्रा में थी. उसने लाल रंग की ब्रा पहनी थी. मैं ब्रा के ऊपर से उसके दूध को दबाने लगा. वह हलके से मुझे हटाने लगी और बोली- हटो यार, यह गलत है. मेरे साथ ऐसा मत करो.
मैंने कहा- मुझे क्या पता नहीं चल रहा था कि तुम बाथरूम में क्या कर रही थीं?
वह शर्माने लगी और बोली- क्या तुम्हें पता चल गया था?
मैं बोला- हां पर तुम अब क्यों शर्मा रही हो यह कह कर मैंने उसकी ब्रा की हुक खोल दिया. नेहा मेरे सामने ऊपर से नंगी थी. मैं उसके एक दूध को दबाने लगा और दूसरे को मुँह में लेकर चूसने लगा.
उसकी चूचियां बहुत कठोर होती जा रही थीं. मैं बारी बारी से उसके दोनों मम्मों को चूसने लगा. वह सिसकारियां निकालने लगी- आह आह … ओह माई गॉड आह … चोद दे यार … अब क्यों देर कर रहे हो!
मैं उसकी चूचियों पर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा था. उसकी चूचियां लाल होती जा रही थीं. मेरा डंडा पैंट के अन्दर फूल गया था और पैंट फाड़कर निकलने को बेताब हो गया था.
नेहा ने देखा तो वह झट से मेरी पैंट खोलने लगी. वह बोली- बड़ा फूल गया है? मैंने कहा- हां यार, जल्दी से निकालो.
उसने मेरी पैंट और शर्ट उतार दिए. अब मैं अंडरवियर में था. वह मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर सहलाने लगी.
मैंने उसकी एक चूची को मुँह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा. तभी मैंने उसके निप्पल को दांत से दबा दिया. वह एकदम से चीख निकल पड़ी.
मैंने उसके होंठों पर हाथ रखकर उसकी सलवार निकाल दी. अब वह मेरे सामने सिर्फ पैंटी में रह गई थी. उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी. हम दोनों एक दूसरे के होंठों का रसपान करने लगे. हमने दस मिनट तक यूं ही रसपान किया.
फिर मैंने उसकी पैंटी के अन्दर हाथ डाल दिया और उसकी पैंटी को एक झटके में उतार दी. अब वह मेरे सामने नंगी थी. उसने अपनी आंखें बंद कर दीं और सिसकारियां निकालने लगी ‘आह ओह माई ओह आह.’
उसकी गुलाबी चू.. बिना बालों वाली थी. मैंने पूछा- ये कब साफ की थी? वह बोली- कल. मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी. वह सिहर गई.
मैंने उसे गोद में उठा लिया और बेड पर लिटा दिया. अब मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा. वह बोली- चाट लो.
मैंने कहा- जल्दी से मेरा अंडरवियर निकालो, दोनों मजा करेंगे.
उसने अंडरवियर निकाला, तो वह मेरा लंड देख कर चौंक उठी और बोली- इतना बड़ा लंड! मैंने कहा- हां क्या हुआ, इतना बड़ा लंड पहले कभी नहीं देखा क्या? वह बोली- नहीं. मैं आज पहली बार चुदाई करवा रही हूं.
मैंने उससे कहा- चूसो. उसने मना कर दिया. मैंने जबरन उसके मुँह में लंड पेल दिया. वह मेरे लंड को आधा ही अन्दर मुँह में ले रही थी. कुछ ही देर बाद वह खुद ही मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. पर अभी भी वह आधा ही अन्दर ले रही थी.
मैंने उसके बाल पकड़ लिए और पूरा लंड उसके मुँह में घुसेड़ दिया. उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी. मैंने दो मिनट तक पूरा लंड उससे चुसवाया. अब वह खुद ही पूरा लंड चूसने लगी.
मैंने उससे कहा- अब 69 की पोजीशन में करते हैं. वह समझ नहीं पाई. मैंने कहा- तुम मेरा लंड चूसो, मैं तुम्हारी चूत! वह मेरे लंड को पकड़ कर मजे से चूस रही थी.
मैंने उसकी चूत में जीभ डाल दी और उसकी चूत को चाटने लगा था. कभी मैं उसकी चूत के दाने को दांत से काटने लगता तो कभी उसकी चूत में जीभ डालकर उसकी गुलाबी चूत को चाटने लगता.
कुछ देर बाद वह सीधी हो गई. वह मेरा मुँह अपनी चूत पर रखकर हाथ से दबाने लगी. मैं उसकी चूत को चाट रहा था. वह मादक आवाज निकाल रही थी ‘आह आह ओह पी जा मेरी चूत की मलाई.’
वह अकड़ने लगी और झड़ने वाली हो गई थी. उसके मुँह से आवाज सुनकर मैं और तेज़ तेज़ जीभ को चलाने लगा. उसने चूत का पानी छोड़ दिया. मैंने उसकी गुलाबी चूत का सारा पानी चाट चाट कर साफ़ कर दिया.
वह बोली- जल्दी करो, अब चोद दो आज मेरी चुत चोद कर फाड़ दो. मैंने बिना देरी किए उसकी टांगों को फैला दिया. अब मैंने अपना लंड चूत पर सैट कर दिया.
उसकी चूत काफी टाइट थी क्योंकि वह पहली बार चुद रही थी. मैं नेहा की चूत पर लंड रखकर दबाने लगा. मेरा लंड फिसलकर साइड में हो गया.
मैंने थोड़ा थूक और लगाया और उसकी चूत में जीभ डालकर उसकी गुलाबी चूत को चाट कर गीली कर दिया. अब मैंने दोबारा से उसकी चूत पर लंड सैट किया और ज़ोर से धक्का लगा दिया.
मेरा लंड उसकी चूत में आधा ही गया था कि वह चीख उठी. मैं उसके होंठों पर किस करने लगा और अपने लंड को वहीं रोक दिया.
जब वह थोड़ी सामान्य हुई, तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत में से बाहर निकाला और फिर से थूक लगा कर चिकना कर लिया. अब मैंने उसकी गुलाबी चूत में भी थूक भर दिया.
फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सैट किया और इस बार मैंने जोर का धक्का दे मारा. मेरा लंड पूरा चूत में घुस गया. नेहा जोर जोर से चीखने लगी. उसकी गुलाबी नाजुक चूत की झिल्ली फट गई और चूत से खून निकलने लगा.
वह दर्द में तड़प रही थी.
उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे ‘आह मर गई मां … फट गई आह निकाल भोसड़ी के …’ मैंने हल्का सा लंड बाहर निकाल दिया.
वह दर्द के मारे मरी जा रही थी. मैंने उससे कहा- कुछ नहीं होगा आज तेरा पहली बार है, थोड़ा दर्द तो होगा पर बाद में मजा भी बहुत आएगा. पर वह नहीं मानी और छटपटा रही थी.
मैं उसके निप्पल को चूसने लगा, उसके होंठों पर किस करने लगा और उसके दोनों बूब्स को दोनों हाथों में भर कर सहलाने लगा. अब वह सामान्य हो गई.
मैंने फिर से उसकी नाजुक चूत में हल्के हल्के झटके देने लगा. अब वह मेरा साथ देने लगी और मजे से चुद रही थी. बीस मिनट तक चुदाई के बाद नेहा झड़ गई. मैंने भी अपनी तरफ से धक्के तेज कर दिए और मैं भी झड़ गया. फिर हम दोनों ने फ्रेश होकर खाना खाया.
अगले दिन मैं अपने घर आ गया.
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