Pati Patni Deh Sukh Kahani - सेक्सी बीवी को गैराज में चोदा

Dilshad Ahmad


मेरा नाम शुभम है. मेरी बीवी का नाम मेघना है. यह पति पत्नी सेक्स की कहानी उन दिनों की है जब मैं अपनी फैमिली के साथ सिंगापुर अपने एक रिश्तेदार के घर गया था. 

हमारा करीब 15 दिन का टूर था. मेरे उस रिश्तेदार का घर बहुत बड़ा था. तब भी कई दिनों तक मुझे अपनी बीवी की चुदाई करने का मौका नहीं मिला. 

फिर एक दिन दोपहर में वहां सब लोग आराम कर रहे थे. तब मैंने अपनी बीवी को बुलाया. हम दोनों एक कमरे में थे लेकिन उस कमरे का दरवाजा लॉक करने के लिए अन्दर कोई कुंडी नहीं थी. 

हम दोनों रजाई के अन्दर थे. मैंने अपना हाथ बढ़ाया और उसकी सॉफ्ट सी जांघों पर रखा. बहुत ही ज्यादा चिकनी जांघें हैं उसकी. हमेशा की तरह उसकी मरमरी जांघें छूते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. 

फिर मैं धीरे धीरे उनकी जांघों को सहलाते हुए अपने हाथ को दोनों जांघों के बीच चूत के पास ले गया. मेघना की चूत बहुत कोमल, गुलाबी और खुशबूदार है. 

मैंने उसकी चूत को धीरे से रगड़ना शुरू कर दिया. यहां मैं अपनी बीवी मेघना के बारे में थोड़ा विस्तार से बताना चाहता हूं. 

वह एक 32 साल की गदरायी लड़की है. भगवान ने उसके शरीर का हर भाग पूरे नापतौल कर बनाया है. सबसे मस्त है उसकी गांड, जिसे देखकर ना जाने कितने ही लड़कों ने अपने खड़े लंड को मसला होगा. 

उसके बूब्स भी अच्छे खासे उभार लिए हुए हैं. कमर तो बहुत ही अधिक पतली है. उसके बदन की हर चीज परफेक्ट है. 

रंग मक्खन की तरह गोरा है. जब मैंने रजाई के अन्दर मेघना की गुलाबी चूत को रगड़ा, तो वह भी मचल उठी और कहने लगी- मुझे जल्दी से लंड चाहिए. 

मैंने अपनी दो उंगलियों को उसकी चूत के अन्दर डाला और उससे कहा- अभी इन उंगलियों से काम चलाओ क्योंकि कमरे में कोई भी आ सकता है. 

मैं अपनी उंगलियों को उसकी चूत के अन्दर बाहर कर रहा था और उसकी चूत पानी पानी हो रही थी. जल्द ही मेरी बीवी की चूत से फच फच की आवाज आने लगी थी. 

मैंने उसकी चूत के रस से लबालब अपनी उंगलियों को अपने मुँह में रखकर उसकी चूत का रस का स्वाद लिया. सच में मेरी बीवी की चूत के रस के स्वाद के आगे स्वर्ग के सोमरस का स्वाद भी फीका था. 

मैंने फिर से अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दी. उसकी चूत के रस की खुशबू से मदहोश होकर मेरा मन उसकी चूत में लंड डालने के लिए करने लगा. 

मैंने उससे कहा- चलो गैराज में चलते हैं, वहां कोई नहीं आएगा. उधर अंधेरा भी है और कार के पीछे मैं तुम्हें सही से चोद भी लूँगा. 

मेरी बीवी ने धीरे से अपना हाथ मेरे शॉर्ट्स में डाला और मेरे खड़े लंड को पकड़ लिया. उसने कहा- यह अपना मोटा लौड़ा यहीं पर मेरी चूत में घुसा दो. 

मैंने उसको समझाया कि दरवाजे में लॉक नहीं है. चोदने के टाइम पर कोई आ गया तो बहुत मुश्किल हो जाएगी. उसने मेरे लंड को ऊपर से नीचे तक सहलाया और बोली कि मुझे यह मोटा लंड अभी चाहिए. 

वह रजाई के अन्दर थोड़ा सा खिसकी और उसने मेरे शॉर्ट्स को थोड़ा सा नीचे कर दिया. अब मेरा लंड उसकी आंखों के सामने था. 

उसने रजाई के अन्दर मेरे लंड को अपने होंठों से चूमा और पूरा मुँह में ले लिया. अब वह मेरे लंड को अच्छे से चूस रही थी. मैं उत्तेजना की वजह से पागल सा हुआ जा रहा था. 

मेरा हाथ उसकी पीठ से होता हुआ उसके बूब्स पर जाकर रुका और मैंने उसके बूब्स को हल्के से दबा कर एक निप्पल को पिंच किया. 

मैंने रजाई के अन्दर सरकते हुए उसके कान पर एक किस किया और पूरी तरीके से चूस लिया. वह सिहर सी गई. मैंने उसके मुँह से अपना लंड निकाला और शॉर्ट्स को ऊपर करते हुए उससे कहा- चलो गैराज में मिलते हैं. 

मैं वहां से उठा और सबसे आंख बचाते हुए गैराज में पहुंच गया. थोड़ी देर में मेघना भी गैराज में आ गई. गैराज में अन्धेरा सा था. 

मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया. अपने दोनों हाथ पीछे से उसके लोअर के अन्दर डाल दिए और उसकी मस्त गांड से खेलने लगा. 

मेरी बीवी की गांड इतनी चिकनी थी कि शायद ही दुनिया में कुछ हो. उसकी गांड इतनी गोलाई भरी हुई थी कि मुझे अहसास हुआ कि सभी मर्द उसको चोदने के बारे में सोचते होंगे. 

मैं उसे चूमते चूमते एक कोने में ले गया. एक कोने में जाकर मैंने उसके लोअर और पैंटी को नीचे खिसका दिया. उसकी पैंटी उसकी चूत की जगह पर गीली हो रही थी. 

मैंने उस रस से भरी खुशबूदार पैंटी को सूँघा और मदहोश हो गया. फिर मैंने खड़े होकर उसके टॉप को उतारा और उसकी ब्रा भी निकाल दी. 

अब वह मेरे सामने पूरी तरह से नंगी खड़ी थी. उसकी पूरी काया एकदम चमक रही थी. उसके एक एक अंग की खूबसूरती, उसके दोनों बूब्स, नाभि, उसके नीचे छोटे छोटे रेशमी से बालों से ढकी चूत और उसकी गांड किसी भी मर्द के लंड का पानी निकाल सकती थी. 

वैसे तो मैंने मेघना को कई बार नंगी देखा है लेकिन किसी पराये के घर में और किसी पराये देश में आज वह पहली बार मेरे सामने नंगी खड़ी थी. 

मेघना हूर जैसी लग रही थी. अभी मुझे समझ में आया कि उसकी सहेलियों के पति उसकी इतनी तारीफ क्यों करते हैं. 

मुझे पक्का यकीन है कि उन्होंने मेघना को अपने सपनों में भी जरूर चोदा होगा. मेघना झुकी और उसने मेरे शॉर्ट्स को उतार दिया. 

मेरा लंड सांप की तरह फंफनाता हुआ उसके आंखों के सामने फिर से आ गया. उसकी आंखें चमक उठीं. उसने मेरे लंड को पकड़ा और कहा- शुभम तुम्हारा लंड क्या सोच कर इतना मोटा हो गया? 

मैंने उससे कहा- कुछ नहीं, आओ तुम्हारी चुदाई करता हूं. मैंने गैराज में पड़ी एक कालीन पर मेघना को लेटाया और उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया. 

फिर उसके दोनों सफेद कबूतरों और चूचुकों को खूब देर तक चूसा. उसके निपल्स एकदम कड़े हो गए थे और एकदम तन गए थे. 

मैंने नीचे आकर उसकी नाभि के अमृत को खूब देर तक पिया और वहां से मैं उसकी कश्मीर की घाटी की तरफ बढ़ गया. 

उसने कहा- आज नहीं … आज बस लंड डालो. मैंने बोला- बस एक किस. उसने मुझे परमिशन दी और मैं उस गुलाबी घाटी की खुशबू की तरफ खिंचा चला गया. 

मैंने उसकी चूत की पंखुड़ी खोली और अपनी जीभ से उस घाटी की बहती नदी का पानी पीना शुरू किया. उसकी चूत से निकला पानी वाकयी स्वर्ग का अमृत है. 

कुछ देर बाद मैंने उसे पलटा दिया और उसकी पीठ और सुंदर सुडौल गांड को बेतहाशा चूमना शुरू कर दिया. उसकी छोटी सी गांड के छेद में अपनी जीभ डाली, जिससे वह एकदम से चिहुँक गई. 

उसने कहा- नहीं, सिर्फ लंड चाहिए. मैं उसकी तरफ घूमा और अपना लंड उसके मुँह की तरफ कर दिया. अब हम दोनों 69 की पोजीशन में थे. उसकी चूत मेरे मुँह में और मेरा लंड उसके मुँह में. हमारे फोरप्ले का टाइम कुछ देर तक ऐसे ही चला. 

मैं फिर से पलट कर उसकी चूत की तरफ आया और अपने लंड का सुपारा उसकी चूत के ऊपर रखा कर उससे कहा कि इतनी गर्म चूत की भट्टी में मेरा लोहे की रॉड जैसा लंड बहुत जल्दी पिघल जाएगा. 

मैंने अपना लंड एक बार में ही उसकी चूत में घुसा दिया. और लौड़े के घुसते ही उसके मुँह से एक सिसकारी निकली. 

मैंने अपना लंड हल्का सा बाहर निकाला और फिर से एक जोरदार धक्का लगा दिया. इस बार सिसकारी पहले से ज्यादा तेज थी. 

हम दोनों इस बात से अनजान थे कि हम किसी और के घर में चुपके चुपके चुदाई का खेल खेल रहे हैं. मैंने उसको तेज रफ्तार से चोदना शुरू कर दिया. 

हर झटके के साथ मैं और मेघना मदहोश होते चले गए. हमें यह होश ही नहीं रहा कि गैराज के अन्दर कोई और भी आ सकता था. 

मेघना नीचे लेटी हुई अपनी चूत चुदाई के आनन्द से भीगी हुई अपनी आंखें बंद की हुई थी. अचानक लंड के एक जोरदार झटके से उसकी आंख थोड़ी देर के लिए खुली और उसने देखा कि एक जोड़ी आंखें उसे घूर रही हैं. 

मेघना चौंकी और उसने मेरी पीठ को टाइट करके ऐसे पकड़ लिया जैसे कि वह मेरे बदन के नीचे अपने नंगे जिस्म को छुपाना चाह रही हो. 

मैं उसके इस तरह हो जाने के कारण से बेखबर उसकी चूत को अपनी कमर उछाल उछाल कर चोदता जा रहा था. उसने मेरे कान में कहा- कोई खड़ा हमें देख रहा है. 

मैं एकदम से चौंका और आस-पास नजर दौड़ाई. मुझे एक आदमी की परछाई सी दिखाई दी. वह करीब 6 फुट लंबा व्यक्ति होगा. हमें नहीं पता चला कि वह कितनी देर से हम दोनों की चुदाई का आनन्द ले रहा था. 

मैंने ध्यान से देखा तो वह अपने हाथ को ऐसे चला रहा था, जैसे पुरुष अक्सर हस्तमैथुन की क्रिया में करते हैं. मुझे समझ में आ गया कि यह हमारी चुदाई काफी देर से देखते हुए अपने लंड को हिला रहा था. 

मैंने मेघना को अपने आगोश में लेकर उसे कार की ओट में छुपाना चाहा. अब वह परछाई धीरे-धीरे हमारी तरफ आ रही थी. मैंने पूछा- कौन है? 

हम दोनों अपने नंगे जिस्मों को ढकने के लिए आस-पास पड़े अपने कपड़ों को उठाने लगे. वह व्यक्ति हमारे बिल्कुल पास आ गया था. 

मैंने ध्यान से देखा कि यह सैम था, जो कि मेरे रिश्तेदार का पड़ोसी था और शायद किसी काम से गैराज के अन्दर आ गया था. उसने हमसे कहा- तुम लोग यहां इंजॉय कर रहे हो, देख कर अच्छा लगा. 

तुम लोग बिना किसी हिचक के अपनी चुदाई जारी रख सकते हो. मैंने उससे कहा- तुम यहां क्या कह रहे हो और तुम यहां पर क्यों आए हो? 

उसने बताया कि वह कार की बैटरी की चार्जिंग केबल लेने गैराज में आया है. उसे मेरे रिश्तेदार ने ही कार की बैटरी की चार्जिंग केबल लेने के लिए गैराज में भेजा था. 

मेरा लंड इन सब हालातों के कारण बिल्कुल ढीला पड़ गया था और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि हम अपनी लज्जा को कैसे छुपाएं. 

सैम ऑस्ट्रेलिया का रहने वाला एक 35 साल का आदमी था, जो सिंगापुर में कई सालों से रह रहा था. उसने हमारी हालत को समझ कर ढांढस बंधाया और कहा कि इस तरह से पति पत्नी सेक्स यहां पर बहुत कॉमन है कि लोग गैराज में चुदाई करते हैं. 

तुम भी यहां अपनी चुदाई जारी रखो. वह इसी तरह थोड़ी देर तक खड़ा रहा. मुझे लगा कि वह चला जाएगा लेकिन वह वहीं खड़ा रहा. 

उसने फिर से कहा- तुम अपनी चुदाई जारी रख सकते हो. बस में अपने लंड को रिलीफ करना चाहता हूं क्योंकि अभी मैंने तुम्हारी बीवी के सुंदर जिस्म को देखा है और मुझे वह मुझे बहुत ही मस्त लगी. 

बस मैं यह फेवर चाहता हूं कि मैं तुम दोनों की चुदाई देखकर हस्तमैथुन कर लूं. मैं और मेघना उसकी बात को सुनकर थोड़े से सकपकाए और थोड़ा रिलैक्स भी महसूस किया कि वह हमें स्पेस देना चाह रहा था. 

मैंने मेघना से पूछा कि हम कपड़े पहन कर वापस चलते हैं. मेघना ने कहा- कोई बात नहीं, हम अपनी चुदाई जारी रखते हैं. 

वह हमें डिस्टर्ब नहीं करेगा और वैसे भी यह तुम्हारी फैन्टेसी थी कि तुम मुझे किसी दूसरे मर्द के सामने चोदो, तो आज कर लो अपनी फैन्टेसी पूरी. 

मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन मेघना की बात सुनकर मेरे लंड में वापस से उठान आना शुरू हो गया.


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