दोस्तो, मेरा नाम विनय है। मैं 23 साल का हूँ। मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ। अब से दो साल पहले मेरी बाड़मेर में सरकारी नौकरी लगी थी।
मेरी शादी नहीं हुई थी तो खाना बनाने के काम के लिए मैं अपनी बहन को अपने साथ ले गया। उसका नाम पूजा है। मेरी बहन उस वक्त 19 साल की थी लेकिन उसके बोबे 36 के थे।
पतली कमर शायद 28 की, और 36 की पिछवाडा थी। देखने में भी एकदम खूबसूरत थी। मैं घर में जब उसे झुकता देखता तो उसकी पिछवाडा देखकर मेरा डंडा खड़ा हो जाता था।
मेरा उसे लेने का मन होता लेकिन कभी बहन की चुदाई करने की हिम्मत ही नहीं हुई। मैं बस उसे सोच कर लंड हिला लेता था। पहले मैं अकेला बाड़मेर गया, नौकरी ज्वाइन की और किराए पर कमरा लिया।
मेरी नौकरी एक गाँव के सरकारी स्कूल में बाबू की थी। स्कूल मेरे कमरे से 10 किलोमीटर दूर था। मैं रोज सुबह 8 बजे बस से जाता और दोपहर बाद 1 बजे बस से ही वापस आता।
मेरा कमरा मकान मालिक के घर के साइड के प्लाट में था, बाथरूम कमरे के बाहर था। वहाँ 4 कमरे किराए पर देने के लिए ही बनाए गए थे लेकिन सब खाली थे। बस एक कमरे में मैं ही रहता था।
मकान मालिक के घर में चार लोग थे- मकान मालिक, उसकी बीवी, और दो बेटे। बड़ा बेटा 23-25 साल का होगा। उसका नाम देसा राम था। छोटा 18-19 साल का रहा होगा, उसका नाम था हरि लाल।
मैंने 10 दिन नौकरी करने के बाद छुट्टी ली और अपनी बहन को ले आया। वे सभी मेरी बहन को देखकर खुश हुए, हमसे कहा- आराम से रहना, कोई परेशानी हो तो बताना।
कमरा बड़ा था तो मकान मालिक ने हमें अलग-अलग चारपाई दी थी। हम वहाँ रहने लगे। अब मैं अपनी बहन को चोदने के बारे में सोचने लगा। अकेले होने से अब मेरी हिम्मत बढ़ गई थी।
हमारे पास एक ही फोन था जिसे मैं काम में लेता था। मेरी बहन रोज सुबह नाश्ता बनाकर तैयार करती, मैं खाकर स्कूल जाता और फिर जब वापस आता तब तक वो कपड़े वैगरह धोती, नहाती, सफाई करती और खाना बनाकर तैयार रखती थी।
मैं खाना खाकर सो जाता था। फिर वह फोन देखती और कभी-कभी वह भी सो जाती थी। रात का खाना हो जाने के बाद हम घर पर फोन करते थे। उसके बाद पूजा कुछ देर पढ़ाई करती और मैं फोन देखता।
जब हम सोने के लिए लाइट बंद करके लेट जाते, उसके थोड़ी देर बाद मैं मंद आवाज़ में पोर्न वीडियो देखने लगता और बहन का रिएक्शन देखता। वह बस करवट बदलती और ऐसा दिखाती जैसे नींद में है, या वो सच में नींद में होती थी मुझे पता नहीं चलता था।
कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा लेकिन कुछ नहीं हुआ। कभी-कभी मेरा मन करता कि उसे सीधा बोल दूं ‘बहना घोड़ी बन जा!’ लेकिन हिम्मत नहीं होती थी। एक दिन मैं स्कूल जाने के लिए लेट हो गया।
मेरी बस निकल गई तो मैं बस स्टैंड पर दूसरी बस का इंतज़ार करने लगा जो 9 बजे आती थी। 9 बजने ही वाले थे। तभी स्कूल से फोन आया और उन्होंने कहा- कोई बात नहीं, आज मत आइए. लेट हो गए हैं, आपकी हाजिरी नहीं होगी।
फिर मैं वापस कमरे पर आ गया। जैसे ही मैं प्लाट में घुसा, मैंने देखा कि मकान मालिक का बेटा देसा दरवाजे के चाबी के छेद में से बाथरूम में झांक रहा था। मुझे देखकर वो अपने घर चला गया।
मैंने रूम की तरफ देखा तो बंद था। मैं समझ गया कि बाथरूम में मेरी बहन नहा रही होगी। मैंने भी एक झलक लेने की सोची और छेद से देखने लगा। लेकिन तब तक मेरी बहन ने कपड़े पहन लिए थे।
फिर मैं रूम में चला गया। थोड़ी देर बाद बहन आई तो मैंने उसे सब बताया। फिर वह खाना बनाने लग गई। मैं उसे देखने लगा और सोचने लगा कि देसा ने अंदर से क्या माल देखा होगा … सोचते-सोचते मेरा लंड खड़ा हो गया।
लेकिन मैंने अपने आप को संभाला। शाम को बहन फोन में लगी थी और मैं छत पर घूम रहा था। तभी मेरी नज़र देसा पर पड़ी। वह भी अपनी छत पर घूम रहा था और बार-बार मेरी तरफ देखकर नज़र हटा रहा था।
तभी मैंने आवाज़ देकर बोला- भैया … मैं आ जाऊं वहाँ? उन्होंने हां भरी तो मैं भी उस छत पर चला गया। ये छत उससे बड़ी और ऊँची थी।
वहाँ जाते ही देसा ने मुझसे पूछा- आज जल्दी कैसे आ गया? तो मैंने उन्हें सब बताया। फिर मैंने बोला- भैया, गज़ब माल है ना मेरी बहन? यह सुनकर भैया के चेहरे पर मुस्कान आ गई और बोले- हाँ यार, एक नंबर माल है।
फिर मैंने बोला- कब से देख रहे हैं आप? तो उन्होंने बताया- जब से आई है, तब से ही! वो बोले- जब तूने बताया था कि तू बहन को लेकर आएगा तभी से मैंने सोचना चालू कर दिया कि कैसे चोदना है उसे!
और तेरी बहन को जब देखा तब तो पक्का हो गया कि चोदना है। फिर मैंने पूछा- कहां तक पहुंची बात फिर? उन्होंने बोला- यार अभी तक कुछ नहीं, नहाते देखता हूँ उसे, और जब तू चला जाता है तो उसके पास जाता हूँ।
फिर उन्होंने मुझसे पूछा- लेकिन तू अपनी बहन के बारे में ऐसी बातें कर रहा है? मैंने कहा- मैं भी अपनी बहन की चुदाई करना चाहता हूं। देसा हँसने लगा और बोला- तू तो बहनचोद निकला!
तो मैंने बोला- हम मिलकर चोदेंगे उसे, मैं आपकी मदद करता हूँ उसे पटाने में, और जब आप उसे चोद लोगे तब मेरी बारी! फिर हम दोनों छत के कोने पर गए।
वहाँ से मेरी बहन दरवाजे पर बैठी फोन चलाती दिख रही थी। हमने बहन की तरफ देख कर हाथ मिलाया। अगले दिन मैं छत पर भैया से मिला तो उन्होंने बताया कि दिन में क्या-क्या हुआ।
पता चला कि आज देसा मेरे बाथरूम में नहाने आया था। उन्होंने पूजा से बोला कि उनके बाथरूम में पानी नहीं आ रहा है। नहाने के बाद भैया ने अपना लंड खड़ा किया, गमछा लपेटा और कमरे के दरवाजे पर जाकर बोले- अभी नहा ले पूजा।
कहते हुए देसा ने अपना गमछा गिरा दिया। पूजा ने एक बार तने हुए लंड पर नज़र डाली, फिर सिर दूसरी तरफ घुमा लिया। भैया ने फिर गमछा लपेटा और चले गए। उसके बाद फिर भैया ने बहन को नहाते देखा।
फिर दोपहर में जब पूजा खाना बना रही थी, भैया वहीं आकर चारपाई पर बैठ गए। भैया बोले- आज जो तूने देखा कैसा लगा? वह बोली- क्या भैया? तो भैया बोले- आज मैं नहाकर आया तब देखा नहीं तूने?
पूजा बोली- वो … भैया, उसमें लगना क्या है, गलती हो जाती है सबसे! तो भैया बोले- तू लेगी? पूजा बोली- क्या मतलब भैया? भैया बोले- मेरा लंड तू अपनी बुर में लेगी?
यह सुनकर पूजा गुस्सा हो गई और बोली- आप क्या बोल रहे हैं भैया? तो भैया बोले- मैं तुझे नहाते हुए देखता हूँ, तुम अच्छी लगती हो मुझे, तुझे चोदना चाहता हूँ।
यह सुनकर तो पूजा बहुत गुस्सा हो गई और बोली- भैया अब आप जाइये यहाँ से, नहीं तो मैं चिल्लाऊँगी। ये सुनकर भैया डर गये और वहाँ से आ गए। भैया ने मुझे ये सब बताया तब मैंने सोचा कि पूरा काम बिगड़ गया लगता है।
तो मैंने भैया से बोला- आप अब उधर मत जाना। उसका गुस्सा शांत होने पर मैं कोशिश करूँगा, फिर आपको बुला लूँगा। फिर मैं रात को कमरे में आया। मेरी बहन ने मुझे कुछ भी नहीं बताया। जो भी हुआ था दिन में उसके साथ वो कुछ नहीं बोली उस बारे में।
आज मैंने पोर्न भी नहीं देखी। मैं डर गया था कहीं मेरे ऊपर भी वो बरस न पड़े। कुछ दिन उसके बाद बिल्कुल सामान्य निकाले हमने! मैं भी भैया से नहीं मिला, और वो भी इधर नहीं आये।
मैंने कुछ कोशिश भी नहीं की। फिर एक दिन दोपहर को मैं स्कूल से आया तब हम बैठे थे। तभी पूजा बोली- देसा भैया कहीं दिखते नहीं अब, कहीं बाहर गये हैं क्या? यह सुनकर तो मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई।
मुझे लगा शायद ये मान गई है। मैंने बोला- पता नहीं, मेरी भी बात नहीं हुई उनसे! उसके बाद मैंने भैया को फोन किया और शाम को छत पर मिलने के लिए बुलाया।
वे मुझे खुश देख कर बोले- हो गया क्या काम? मैंने बोला- ऐसा ही समझो। फिर मैंने भैया को बताया कि पूजा पूछ रही थी उनके बारे में, और कहा कि शायद तैयार है वह! तो भैया खुश हुए और बोले- अभी जाऊं उसके पास?
मैंने बोला- नहीं, दो दिन बाद जाना, अभी शक होगा उसे! भैया मान गए। दो दिन बाद वे शाम के समय कमरे पर आये मुझे बाहर ले जाने। उन्हें देख कर मेरी बहन बहुत खुश हुई।
मैं बाथरूम जाने के बहाने बाहर आ गया। फिर उन दोनों में कुछ बातें हुईं। मेरे आने के बाद मैं और भैया बाहर चल दिए। तब भैया ने बताया कि वो सॉरी बोल रही थी कि उसे इतना नहीं डांटना चाहिए था।
पूजा ने कहा- आप कल आना, भैया के जाने के बाद हम बात करेंगे। ये सुनकर तो मैं सातवें आसमान पर पहुँच गया। मुझसे कल का इंतज़ार मुश्किल से हो रहा था तो मैंने भैया से बोला- आज ही करते हैं।
थोड़ी देर बाद हम वापस रूम पर पहुंचे। मैं प्लाट के बाहर ही रुक गया। भैया अंदर जाकर बोले- तुम्हारा भाई किसी दोस्त की पार्टी में गया है। सुबह आएगा, तुम्हें ये बात बताने को बोला है उसने! पूजा बोली- ठीक है।
फिर भैया बोले- आज ही बात कर लो जिसके लिए तुम कल आने को बोल रही थी। पूजा ने भैया को अंदर आने का इशारा किया और दरवाजा बंद कर लिया। मैं खिड़की के पास आ गया। जब पूजा जब खिड़की बंद करने वाली थी तो भैया ने मना कर दिया कि यहाँ कोई नहीं आने वाला।
मैं अब खिड़की से अंदर देखने लगा। भैया चारपाई पर बैठे थे और मेरी बहन खड़ी थी। भैया बोले- बोलो पूजा, क्या बात है? पूजा बोली- भैया, आपने यहाँ आना क्यूँ बंद कर दिया था? भैया बोले- तूने ही तो भगाया था मुझे उस दिन!
पूजा बोली- उस दिन भगाया था लेकिन दोबारा आने से थोड़ी मना किया था? आपसे बात करना अच्छा लगता है, आप आते रहा कीजिए। भैया बोले- मुझे भी तुमसे बात करना अच्छा लगता है, लेकिन चोदना ज्यादा अच्छा लगेगा।
इस बार पूजा गुस्सा नहीं हुई बल्कि थोड़ा सा हंसी और कुछ नहीं बोली। वह सिर नीचे झुका कर खड़ी रही। फिर भैया उठे और जाने लगे तो पूजा बोली- क्या हुआ भैया? भैया बोले- मैं जा रहा हूं,
तुम मेरे साथ बस टाइमपास करती हो, चुदवाती नहीं हो। पूजा बोली- मैंने कब मना किया भैया? भैया बोले- तू तैयार है तो अपने कपड़े उतार और बोल ‘भैया चोदो मुझे!’ पूजा ने सलवार सूट पहना था और भैया ने लोअर और टी-शर्ट।
वह बोली- भैया, मुझे शर्म आती है, आपको जो करना है कर लीजिये, मैं नहीं रोकूंगी। फिर भैया ने हाथ पकड़ कर उसे चारपाई पर बिठाया और उसके बूब्स मसलने लगे। मेरी बहन आँखें बंद करके मज़े लेने लगी।
फिर भैया ने उसकी सलवार निकाल दी और ब्रा को ऊपर खिसका कर बूब्स चूसने लगे। पूजा ने ब्रा निकाल दी। ऐसे ही बूब्स चूसते चूसते उन्होंने पूजा को चारपाई पर लेटा लिया।
फिर अपने भी कपड़े निकाल कर उसकी टांगों के बीच जाकर बैठ गए। भैया का डंडा तना हुआ था। मेरी बहन आँखें बंद करके लेटी थी। फिर भैया ने उसके पैर अपने कंधों पर रखे और मेरी बहन की बुर में अपना पेनिस घुसा दिया।
मेरी बहन की चुदाई शुरू हो चुकी थी लेकिन वह भैया को पीछे धक्का दे रही थी. मगर उसकी कोशिश बेकार थी। भैया ने अब उसके दोनों हाथ पकड़े और जोर-जोर से धक्के मारने लगे। मेरी बहन आह-आह … कर रही थी और कमरे में थप-थप के साथ चारपाई के हिलने की आवाज़ भी हो रही थी।
मुझे सब साइड से दिख रहा था। बहना के हिलते बूब्स और भैया का अंदर बाहर होता काला डंडा साफ नजर आ रहे थे। लेकिन अभी तक मैंने अपनी बहन की चूत नहीं देखी थी।
ऐसे चोदते हुए भैया ने पूजा से पूछा- तू पहली बार किससे चुदी थी? तो पूजा बोली- स्कूल में लड़का पटा हुआ था, उसी ने चोदा था अपने दोस्त के कमरे पर ले जाकर।
लेकिन आपके जैसे नहीं चोद पाया … आप तो … आह … मुझे जन्नत की सैर करवा रहे हैं! मैं अपनी बहन को कुँवारी समझता रहा था लेकिन वो तो बहुत आगे निकली। 9-10 मिनट ऐसे ही चोदने के बाद भैया ने सारा माल बहन के पेट पर गिरा दिया और पास में लेट गए।
इस तरह से मेरी गरम बहन चुद गई. थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद बहन खड़ी हुई और माल साफ करके बोली- भैया, फिर से करोगे? भैया बोले- आज तो रात भर पूजा होगी तेरी!
यह सुनकर बहन हँसने लगी। भैया बोले- पूजा, तूने पोर्न देखी है? पूजा ने हां में जबाब दिया। भैया बोले- तुझे पता है ना उसमें क्या होता है? पूजा बोली- बिल्कुल पता है भैया!
यह बोलकर पूजा भैया का लंड चूसने लगी। बीच में रुक कर पूजा बोली- वैसे भैया, आपका लंड ऐसा ही है जैसा पोर्न में होता है। भैया हँसने लगे और पूजा फिर से लंड चूसने लगी।
देसा का डंडा फिर से तन कर खड़ा हो गया। इस बार भैया ने बहन को घोड़ी बनाया और चारपाई के पास खड़े-खड़े चोदने लगे। इतने में लंड हिलाते हिलाते मेरा माल निकल गया।
मैंने सोचा अब तो रोज ही ऐसी चुदाई देखनी है। तो मैं छत पर जाकर सो गया। सुबह मैं रूम में गया तो सब सामान्य था। मैं तैयार होकर स्कूल चला गया। अब से रोज़ाना मेरे जाने के बाद भैया पूजा को चोदने लगे।
कुछ दिनों बाद मैंने भैया से कहा- अब मैं भी शामिल होना चाहता हूँ। अगले दिन मैं स्कूल से आधे दिन की छुट्टी लेकर 11 बजे वापस आ गया। आते ही मैंने दरवाजा खोला। आज दरवाजा अंदर से बंद नहीं था, क्यूँकि भैया को पता था मैं आने वाला हूँ, तो इसलिए खुला रखा उन्होंने।
अंदर घुसते ही मैंने देखा मेरी बहन चारपाई पर उल्टी लेटी थी और भैया पीछे से उसकी चूत चोद रहे थे। मुझे देखते ही मेरी बहन के चेहरे का रंग उड़ गया।
उसने भैया को हटाया और खड़ी होकर अपने आप को चादर से ढक लिया। भैया भी मुस्कराते हुए पास में खड़े रहे। मैं अपनी बहन के पास गया और उसकी चादर खींच कर फेंक दी।
वह सिर झुकाये दोनों हाथों से अपने बूब्स छुपाए खड़ी रही। मैंने भैया को जाने को बोला तो वो अपने कपड़े पहन कर चले गये। फिर मैंने दरवाजा बंद किया और अपने कपड़े निकाल दिए।
अब मैं अपनी बहन के पास गया उसके बूब्स से हाथ हटाए और चूसने लगा। वह ऐसे ही आखें बंद करके खड़ी रही। मैंने चारपाई पर लेटने को कहा तो वो थोड़े नाटकीय अंदाज़ में बोली- भईया?!
फिर लेटकर उसने अपनी आखें बंद कर लीं। मैंने उसके पैर उठाए। वह हल्के से मुस्करा रही थी। मैंने पहली बार उसकी बुर देखी थी। एकदम काली थी लेकिन बाल बिल्कुल नहीं थे।
मैंने अपना लंड उसकी बुर पर रखा और धक्का दिया तो एक बार के धक्के में आसानी से अंदर चला गया। उसने उफ तक नहीं की। मेरा लंड भैया के लंड का आधा था तो आसानी से अंदर बाहर हो रहा था। 15 मिनट बाद मैंने सारा माल उसके पेट पर गिरा दिया।
वह अभी भी ऐसे ही लेटी रही। मैं उसके पास लेटकर उसके बूब्स सहलाने लगा। थोड़ी देर बाद उसने आंखें खोली और मेरी तरफ देख कर बोली- भैया, आप रोज करेंगे?
तो मैंने उसके होंठों पर उंगली घुमाते हुआ कहा- हां बहना, आज से तू मेरी बीवी! फिर वह बोली- देसा भैया से भी करवा सकती हूँ ना मैं? मैं बोला- हां बहना, ज़रूर।
फिर उसने कहा- फिर ठीक है। उसके बाद मैं ऐसे ही सो गया और शाम को उठा। देखा तो मेरी बहन फोन में लगी थी। मैं कपड़े पहन कर देसा भैया के पास गया. वे छत पर ही थे।
हमने हाथ मिलाया और खुशी जाहिर की। उसके रात को हम कमरे पर गये, बहन फोन पर लगी थी। हमने उसे उठाकर खड़ा किया और उसके कपड़े निकाल दिए। वह हँस रही थी।
हमने अपने कपड़े भी निकाले और लंड लेकर उसके सामने खड़े हो गए। वह बारी-बारी से दोनों का लंड चूसने लगी। थोड़ी देर बाद भैया ने उसे झुकाया और लंड डाल कर लेने लगे. और मैं अपना लंड चुसवा रहा था।
थोड़ी देर बाद हमने जगह बदली और ऐसे ही उसे रात भर चोदते रहे। उसकी पूरी बॉडी को किस किया और लंड चुसवाया।
उसके बाद से हम रोज बहन को चोदते हैं। बहन की चुदाई करने में बहुत मजा आता है मुझे! लेकिन अभी कुछ दिनों बाद उसकी शादी हो जाएगी, तब ये सब बंद हो जाएगा।
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