घर का XXX अड्डा :- ओपन XXX फॅमिली कहानी में चार भाइयों की चार बीवियां है. ये आठ लोग आपस में खुला XXX करते हैं. कोई भी किसी को भी चोद लेता है.
दोस्तो, मेरा नाम रोनी दास है. मेरी उम्र 20 साल है, मैं दिखने में हट्टा-कट्टा हूँ क्योंकि मैं हमेशा एक्सरसाइज करता हूँ.
ये मेरी जिंदगी के सबसे अच्छे पल थे जिन्हें मैं आज आपके साथ शेयर करने वाला हूँ. मैं आपको पहले बता देना चाहता हूँ कि ये एक पारवारिक ओपन XXX फॅमिली कहानी है,
मेरे पापा- दिलीप. मेरी मम्मी- पल्लवी. सबसे बड़े चाचा- सुदेश. सबसे बड़ी चाची- यामिनी. मंझले चाचा- रमेश. मंझली चाची- शालिनी. तीसरे नंबर के चाचा- हिमेश. तीसरे नंबर की चाची- ज्योति.
हमारे घर में बस में ही एक अकेला वारिस हूँ क्योंकि मेरे बाकी तीनों चाचाओं का कोई बच्चा नहीं है. हमारा घर बहुत बड़ा है.
मेरे पापा दिलीप एक बहुत बड़े बिजनेस मैन हैं. अच्छे बिजनेस की वजह से हमारे घर में पैसे की कोई कमी नहीं है. हमारे घर में सभी लोग बिल्कुल खुले विचारों के हैं.
मतलब हमारे घर में कोई भी किसी को चोद सकता है, बिना किसी रोक-टोक के. दरअसल घर के सभी सदस्य अपनी पसंद के XXX पार्टनर्स को घर में लाते या उनके साथ जाकर अपनी रातें रंगीन करते.
इससे किसी को कोई गुरेज नहीं था. बिजनेस के सिलसिले में बड़ी डील करने के लिए अक्सर घर की औरतें अपने बिस्तर पर गैर मर्दों के साथ चुद जाती थीं.
इसी सबके चलते पापा मम्मी और चाचा चाचियों के बीच एकदम खुलापन था. सबकी साथ में ड्रिंक्स और सिगरेट चलती रहती थी. ब्लू-फिल्म्स घर के सेंट्रल हॉल में चलती तो कोई भी चाची किसी भी चाचा के साथ सेक्स करने लगती थी या मेरे पापा किसी भी चाची के साथ चुदाई का खेल खेलने लगते थे.
ये सब खेल खुले आम चलता था. किसी को किसी बात से कोई परहेज नहीं था. हमारे घर में एक सेक्स रूम भी है, जिसमें सभी तरह के सेक्स खिलौने रखे हुए हैं.
इसी माहौल के चलते हमारे घर में लगभग हमेशा फोरसम सेक्स होता है. कभी पार्टनर बदल कर तो कभी किसी बाजारू रंडी को बुला कर.
जब मैं छोटा था, तब से मैं ये सब अपनी आंखों से देखता आ रहा हूँ. जब ये सेक्स कहानी मैं आपको बताने जा रहा हूँ, उस समय मैं एक जवान उम्र का युवा था और मेरी 19वीं सालगिरह आने वाली थी.
उसी समय हमारे घर में मेरे तीसरे नंबर के चाचा यानी हिमेश की शादी ज्योति से हुई थी. उस शादी में हम सब खुश हुए थे.
शादी के खत्म होने के बाद हम सब लोग अपने घर आ गए और सभी बड़ों ने चाचा चाची की सुहागरात की तैयारी शुरू कर दी. हिमेश चाचा के बेड को पूरा सजा दिया गया था. फिर करीब रात के 8 बजे मेरे घर के सारे लोग हिमेश चाचा के रूम में आ गए और सबने एक एक गोलियां खा लीं.
मैंने मम्मी से पूछा- मम्मी, आप सब लोग ये क्या खा रहे हो, मुझे भी दो ना! मम्मी ने कहा- बेटे जब तुम बड़े हो जाओगे, तब मैं तुम्हें ये अपने हाथों से खिलाऊंगी और तब तुम मज़ा लेना हम सबका.
अभी तुम्हारी उम्र नहीं हुई है इसीलिए तुम जाओ ओर सोफे में बैठ कर ये कार्यक्रम देखो. मैंने भी कुछ नहीं कहा और सीधे जाकर सोफे में बैठ गया.
फिर ज्योति चाची ने पूछा- भाभी ये हो क्या रहा है, सब लोग हमारे कमरे में क्यों आ गए? मम्मी ने कहा- ये हमारे घर की परंपरा है कि सुहाग रात में परिवार के सभी लोग एक साथ सुहागरात का मजा उठाएंगे और पार्टनर भी चेंज करेंगे.
ये सुन कर ज्योति चाची ने कहा- ये तो बहुत ही खुशी की बात है. आज मैं चार चार लंड से चुदने वाली हूँ. रमेश चाचा ने पल्लवी को बुलाया- भाभी अब आप भी यहां आ जाओ. मुझे आपके सारे कपड़े खोलने हैं,
देखो हम सब अब नंगे हो चुके हैं बस आप और ज्योति ही बची हो. मम्मी ने कहा- आ रही हूँ यार, कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.
फिर चाचा ने मम्मी को नंगी किया और एक हाथ उनके बूब्स और एक हाथ उनकी चूत के ऊपर रख कर सहलाने लगे.
उनको देख कर मेरे पापा दिलीप भी ज्योति चाची को नंगा करके चूत और गांड को चाटने लगे. उसी समय हिमेश चाचा यामिनी चाची को किस करने लगे और उनकी गांड मसलने लगे.
उन्हें देख कर सुदेश चाचा शालिनी चाची की चूत के अन्दर अपनी उंगलियां घुसाने लगे और उनके होंठों को चूसने लगे. कुछ ही समय बाद सभी लोग 69 की पोजीशन में आ गए और लंड चूत की चुसाई शुरू कर दी.
करीब 10 मिनट तक चुसाई चलती रही. इस बीच मेरी मां पल्लवी झड़ गईं. ज्योति चाची, यामिनी चाची एक बार और शालिनी चाची दो बार झड़ चुकी थीं.
फिर भी वो सब थक नहीं रहे थे क्योंकि उन सभी पर गोली का असर शुरू हो चुका था और सब मजा लेने में व्यस्त थे. फिर मेरी मां पल्लवी ने कहा- रमेश, अब मैं और सहन नहीं कर सकती.
मुझे तुम्हारा लंड चाहिए. जल्दी से अपने लौड़े को मेरी चूत में पेलो और अपनी भाभी की प्यारी सी चूत को चोदो. यह सुनते ही चाचा ने मम्मी को लेटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर अपना लंड मम्मी के चूत के ऊपर रगड़ने लगे.
मम्मी ने कामुक आवाजें निकलाते हुए कहा- आह उइ मां आह … पूरा पेलो न आह अब और न तड़पाओ राजा … पेल दो चूत में.
उधर चाचा भी कम नहीं थे, वे मम्मी को और तड़पाने के लिए लंड का टोपा मम्मी के चूत के अन्दर डाल कर तुरंत ही निकाल दे रहे थे.
कुछ ही देर में मम्मी गुस्से में आकर चाचा को गाली देने लगीं- साले भोसड़ी के … लौड़े को डाल अन्दर … नहीं तो तेरी मां चोद दूंगी … डाल भैन के लंड … मेरे भोसड़े में अपना लंड पेल हरामी.
गाली सुनकर चाचा ने गुस्से में आकर अपना लंड जोरदार धक्के के साथ मम्मी की चूत के अन्दर पेल दिया.
इस अचानक लगे झटके की वजह से चाचा का लंड सीधा जाकर मम्मी की बच्चेदानी में लगा. मम्मी तड़फ उठीं- आह भोसड़ी के जान लेना है क्या मेरी … आह धीरे से पेल मादरचोद!
उधर यामिनी चाची को हिमेश चचा घपाघप चोद रहे थे. दिलीप चाचा ज्योति चाची को और शालिनी चाची को सुदेश चाचा पेल रहे थे.
कुछ समय बाद उन्होंने पोजीशन चेंज की. अब मेरी मम्मी की टांग को चाचा हवा में उठाकर चोद रहे थे. दिलीप चाचा डॉगी स्टाइल में ज्योति चाची को चोद रहे थे.
उधर यामिनी चाची, हिमेश चाचा के ऊपर और शालिनी चाची सुदेश चाचा के ऊपर चढ़ कर चुदाई का मजा ले रही थीं.
उन दोनों के दूध मस्ती से हिल रहे थे, जिन्हें दोनों चाचा मसलते हुए चाचियों की चूत को भोसड़ा बनाने में लगे हुए थे.
करीब 15 मिनट तक ऐसा ही चला. उसके बाद मेरे पापा दिलीप ने कहा- अब सब अपने अपने पार्टनर के साथ सेक्स करो.
सभी चाचा अपने अपने माल को चोदने लगे. करीब 5 मिनट बाद मैं कुछ और नजदीक में गया और पापा से कहा- पापा, मैं कब से देख रहा हूँ कि आप बस चूत को ही पेल रहे हो, अभी इनकी गांड भी मारो ना!
तब पापा ने कहा- हां बेटा, मैं अब तुम्हारी मम्मी की गांड मारता हूँ. इसी के साथ पापा ने आवाज देकर कहा- छेद बदलो रे.
ये सुन कर सभी ने गांड मारने की हामी भर दी और सब अपने अपने पार्टनर को डॉगी स्टाइल में लेकर उनकि गांड में लंड रगड़ना शुरू कर दिया.
सबने लगभग एक ही साथ में गांड मारना शुरू कर दिया था. मम्मी और चाचियों की गांड पहले से ही खुली हुई थी तो सभी औरतों ने मस्ती से लौड़े लेकर कामुक सिसकारियां लेनी शुरू कर दीं.
‘आह आह फ़क मी … उह या उह उइ मां मार डाला रे … आह आह और जोर से … और जोर से पेलो.’
मेरे दोनों चाचाओं ने और पापा ने अपनी अपनी रफ्तार बढ़ा दी और जोर जोर से गांड मारने लगे. करीब 10 मिनट बाद पापा ने मम्मी की गांड में ही अपना सारा माल गिरा दिया.
उधर एक चाचा ने चाची की गांड से लौड़ा निकाल कर उनकी चूत के अन्दर रस भर दिया, तो दूसरे चाचाओं ने क्रमश: मम्मों के ऊपर और मुँह के अन्दर अपना रस गिरा दिया और सो गए.
इस ओपन सेक्स फॅमिली कहानी में अब मैं आपको बताऊंगा कि मेरे 19 साल होने के पार्टी में क्या हुआ. उस दिन सुबह के वक्त जब मैं उठा और देखा कि घर की सभी चाची और मेरी मम्मी मेरे सामने खड़े हुए थे.
मैं उन्हें ऐसे अचानक सुबह सुबह एक साथ देख कर चकित हो गया. तभी मम्मी मेरे पास आकर मेरे होंठों पर किस करती हुई बोलीं- आज तुम्हारा बर्थडे है और तुम 19 साल के हो गए हो …
इसीलिए हम सब तुम्हारे पास सुबह सुबह खड़े हुए हैं. फिर सबने मुझे जन्मदिन की बधाई दी.
चाचियों ने मेरे पास आकर मेरे होंठों में किस किया. मेरे लंड को सहला कर ज्योति चाची बोलीं- आज, अपने हथियार को सम्भाल कर रखना राजा.
क्योंकि आज तुम्हारे लौड़े का एग्जाम है और तुम्हें इस एग्जाम में पास होना है. इसलिए रात के बड़े सरप्राइज के लिए तैयार रहो.
मैं यह बात सुन कर बहुत ही खुश हो गया और मेरा लंड पैंट के अन्दर से ही तंबू बनाने लगा. यह देख कर यामिनी चाची ने कहा- लो जी, ये तो अभी से इतना उत्तेजित लग रहा है.
आज पता नहीं कितनों की चूत भोसड़ा बनने वाली है. ये सुन कर सब हंसने लगे. फिर मैंने मम्मी को बुलाया और उनसे कहा- मम्मी जरा मेरे लंड को चूसो न … देखो कितना बड़ा हो गया है!
प्लीज आप ही शुरुआत में कुछ करो. मम्मी ने सबके सामने मेरा पैंट खोल दिया. वे मेरे कड़क लंड को अपने हाथ से हिलाने लगीं और चूसने लगीं.
फिर मम्मी ने उसी समय अपना ब्लाउज खोल दिया और अपनी चूचियों को मेरे लंड के दोनों साइड में रख कर जोर जोर मजा देना चालू कर दिया.
मेरे लौड़े को अपने मम्मों में दाब कर उन्होंने मम्मों को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया. यह देख कर तीनों चाचियों का हाल खराब होने लगा.
नए लौड़े को देख कर उनकी चूत पानी छोड़ने लगीं. मेरा लंड करीब लंबा और काफी मोटा हो गया था.
मेरे लौड़े का आकार हमारे घर के सभी लौड़ों से बड़ा था क्योंकि मैं लंड को बड़ा करने और मोटा बनाने के लिए दवा भी खा रहा था और कसरत भी कर रहा था.
इसलिए मेरा लंड सबके लंड से मोटा और बड़ा था. करीब 20 मिनट तक मम्मी ने मुझे ब्लो जॉब देती रहीं. फिर मैंने कहा- मम्मी अपनी चूत दिखाओ न … उसके अन्दर मुझे झड़ना है.
ये सुन कर मेरी मम्मी मेरे कंधों की मदद से लटक कर मुझसे चिपक गईं और चूत को लंड के निशाने पर सैट कर दिया. मैंने एक धक्का देते हुए मां की चूत में निशाना लगाया और धकापेल शुरू कर दी.
कुछ ही तेज धक्कों के बाद मैंने उनकी चूत के अन्दर ही अपना माल टपका दिया और उनको किस करते हुए बेड पर लिटा दिया. करीब 5 मिनट के बाद मम्मी ने कहा- चलो बेटा, अब पूरी तरह से मुझे चोद दो.
अब और मत तड़पाओ मुझे! मैंने कहा- मम्मी बस रात तक रुक जाओ. मैं आपको रात को अपनी जिन्दगी का सबसे बड़ा सुख दूंगा.
पर मम्मी ने कहा- नहीं बेटा प्लीज़, बस एक बार अभी चोद दो. मगर मैं नहीं माना और उनकी गांड में एक जोरदार थप्पड़ मार कर बाथरूम के अन्दर चला गया.
मेरे इस व्यवहार को देख कर यामिनी और शालिनी चाची ने कहा- आह … काश ये थप्पड़ मेरी गांड और बूब्स में लगता!
मम्मी ने तब तक अपनी साड़ी ठीक की और बोलीं- वो मेरा बेटा है, इसलिए पहली चुदाई मेरी ही होगी और उसका लंड पहले मेरी गांड और चूत में घुसेगा. ये कहकर वह चली गईं.
मम्मी का ये अंदाज देख कर तीनों चाचियों ने कहा- देखो इस रखैल को … रंडी क्या बोल कर चली गयी.
अब हमें ही कुछ करना पड़ेगा. ज्योति चाची ने कहा- इसके लिए मेरे पास एक आईडिया है!
सबने पूछा- क्या प्लान है? ज्योति चाची ने कहा- आज चारों भाई घर नहीं आने वाले हैं. इसलिए एक काम करते हैं. इस छिनाल के लिए 3 बंदों को हायर करते हैं, जो इस रखैल की गांड चूत और उसके हर छेद में अपना लंड घुसा देंगे.
तब उसे पता चलेगा कि हमसे टक्कर लेने का क्या अंजाम होता है. ये सब बातें मैंने बाथरूम के अन्दर सुन ली थीं पर मैं कुछ नहीं बोला.
फिर शाम को मैंने मम्मी और तीनों चाचियों से पूछा कि पापा और चाचा लोग सब कहां हैं?
शालिनी चाची ने कहा- बेटा वे सब आज सुबह ही अमेरिका निकल गए हैं. उन्हें बिजनेस की सिलसिले में जाना था.
वो 30 दिन बाद आएंगे. मैंने कहा- चलो ठीक है,
तो फिर आप सब मेरे साथ शॉपिंग करने चलो. सब खुश हो गईं और एक साथ बोलीं- हां हां चलो.
हम सब गाड़ी में बैठ कर मॉल के लिए निकल गए. उधर पहले हम सब जेंट्स कॉर्नर में गए और वहां से चारों औरतों ने मेरे लिए जींस, शर्ट, कच्छे-बनियान वगैरह अपने पसन्द से खरीदे.
फिर मैंने कहा- चलो अब लेडीज कार्नर में … आप सबके लिए मुझे भी कुछ खरीदना है. हम सब वहां पर गए और मैंने ज्योति चाची के लिए दो जोड़ी ब्रा और पैंटी के सैट खरीदे और एक बिकिनी भी.
मैंने उनसे कहा- चाची चलो ट्राइल रूम में … वहां जाकर चैक करो कि ये कैसी लग रही हैं. वो बोलीं- हां चलो तुम भी साथ में चलो. मैंने कहा- ओके आप चलो, मैं भी आता हूँ.
हम दोनों ने वहां ट्रायल रूम में पहुंच कर अन्दर से कुंडी लगा दी.
मैंने ज्योति चाची से कहा- चाची, एक ट्रायल अभी हो जाए! चाची मादकता से बोलीं- ये कोई पूछने की बात है?
खास इसी मौके के लिए मैंने अन्दर कुछ नहीं पहना है. मैंने कहा- तो फिर चूसो मेरे लंड को और उसे बड़ा बनाओ. चाची ने मेरे लंड को चूसना और हिलाना शुरू कर दिया.
दो मिनट बाद ही मेरा हथियार खड़ा हो गया और मैं चाची को डॉगी स्टाइल में लेकर रेडी हो गया. मैंने उनकी साड़ी को उठाया और लंड को चूत में पेल दिया.
एकदम से लंड पेलने की वजह से उनके मुँह से आह निकल गयी. उनकी चूत में मेरा लंड बस 6 इंच तक ही जा पा रहा था, पर चाची को मजा बहुत आ रहा था.
मैंने लंड चूत से निकाल कर उनकी गांड में दे दिया और धकापेल चुदाई शुरू कर दी. चाची के मुँह से ‘आह आह ऊ … उम्म आह … और जोर से …’ निकल रहा था.
कुछ देर बाद मैंने लंड उनकी गांड से निकाल कर चूत में दे दिया और चुदाई शुरू कर दी. करीब 5 मिनट बाद मैं उनकी चूत में झड़ गया और उनको किस करके हम दोनों बाहर आ गए.
शालिनी चाची और मम्मी कपड़े खरीदने में व्यस्त थीं पर यामिनी चाची हमारा ही इंतजार कर रही थीं. तब चाची ने कहा- इतना समय पैंटी और ब्रा ट्रायल करने में लग गया क्या?
यह सुन कर में थोड़ा मुस्कुरा दिया और बाहर आ गया. मेरे 5 मिनट बाद ही चाची और मम्मी अपनी खरीदारी करके आ गईं और हम सब घर निकल गए.
शॉपिंग खत्म होने के बाद हम सब लोग घर आ गए. घर आने के बाद मम्मी किचन में चली गईं और तीनों चाची मेरे पास वाले सोफे में बैठ कर बात करने लगीं.
पर मैं ऐसे बैठा था, जैसे उनकी बातों पर ध्यान नहीं दे रहा हूँ. मैं बैठ कर फ़ोन को यूज़ करने लगा और उनकी बातों को जो न्यूड फॅमिली फक की थी, सुनने लगा.
ज्योति चाची ने कहा- रात को रोनी से पहले किसकी चुदाई होगी? यामिनी चाची ने कहा- मैं तो लास्ट में चुदवाऊंगी. शालिनी चाची ने कहा- ठीक है पहले मेरी चुदाई होगी रोनी से!
सब मान गए और मम्मी का इंतजाम किया जाने लगा. ज्योति चाची ने फ़ोन करके 3 बंदों को बुला लिया और उन दोनों चाचियों से कहा- अब देखते हैं कि ये पल्लवी रांड कैसे अपने बेटे के लंड से चुदती है!
मैं ये सब सुन रहा था, पर कुछ नहीं कह रहा था. करीब दस मिनट बाद तीनों बंदे हमारे घर में आ गए. उनमें से एक ने पूछा- जिसको करना है, वो कहां है?
यामिनी चाची ने कहा- वो किचन में है. वे उन तीनों को लेकर किचन में चली गईं और वहां से मुझे मम्मी की चीख सुनाई दी. मैं वहां पर गया और देखा कि मम्मी को तीनों बंदे उठा कर लेकर बेडरूम में ले जा रहे थे.
तब मैंने चाची से पूछा कि ये मम्मी को लेकर बेड रूम में क्यों जा रहे हैं? चाची ने कहा- चुदाई के लिए. मैंने अनजान बनते हुए कहा- पर वो तो 3 बंदे हैं ना … अकेली मम्मी कैसे चुदेंगी?
चाची ने कहा- उसके लिए तीन भी कम पड़ते हैं. आओ मेरे साथ … मैं दिखाती हूँ. मैं चाची के साथ उस कमरे की खिड़की के पास गया और मैंने देखा कि एक बंदा मम्मी की साड़ी निकाल रहा है और उसने जल्दी ही मम्मी को ब्रा और पैंटी में करके छोड़ दिया.
बाकी के 2 बंदों ने मिलकर मम्मी की ब्रा और पैंटी को जोर से खींच कर फाड़ दिया और दूर फेंक दिया. तभी एक बंदा मम्मी के ऊपर चढ़ गया और लंड मम्मी के मुँह में डालकर चुसवाने लगा.
मम्मी की सांस भी अटक गई थी. कुछ देर बाद वह बंदा वहां से हट गया और दूसरा बंदा आ गया.
वह भी मुँह में लंड डाल कर मुख चोदन करने लगा. अब मम्मी का भी विरोध खत्म हो गया था. कुछ देर बाद उन तीनों ने मम्मी को डॉगी स्टाइल में आने को कहा.
मम्मी कुतिया बन गईं. एक बंदा मम्मी के नीचे लेट गया और उसके ऊपर मम्मी लेट गईं. उसने मम्मी की चूत में अपना लंड पेल दिया और वो भी एक ही झटके में. जैसे ही उस मुस्टंडे का लंड मम्मी के छेद में घुसा,
उसी वक्त उनके मुँह से आह निकल गयी. अभी मम्मी संभल पातीं कि तभी एक और बंदा आ गया. वह मम्मी की गांड के छेद में अपना लंड रगड़ने लगा और जब तक मम्मी कुछ कहतीं या उसे रोकने का प्रयास करतीं,
तब तक उसने एक ही शॉट में अपना पूरा लंड गांड के अन्दर पेल दिया. मम्मी के दोनों छेद में लंड अपना कारनामा दिखाने लगे और तभी तीसरे बंदे ने भी मम्मी के मुँह को चोदना शुरू कर दिया.
अब मम्मी किसी सड़क छाप रंडी की तरह चुद रही थीं. उनके शरीर के हर छेद में लंड चल रहा था. इसी बीच यामिनी चाची अपनी चूत सहलाने लगीं और उसमें उंगली करने लगीं.
उधर किचन में करीब 30 मिनट बाद मम्मी की चूत गांड और मुँह में उन तीनों ने अपने अपने लंड से वीर्य छोड़ दिया.
उस समय तक मम्मी शायद कई बार झड़ चुकी थीं. उसके बाद उन तीनों ने मम्मी को छोड़ दिया. तब मैंने देखा कि मम्मी की चूत गांड और बूब्स के ऊपर बस वीर्य ही वीर्य था.
तब तक एक बंदे का लंड फिर से गर्म होने लगा और वो मम्मी की नंगी बॉडी देख कर उत्तेजित हो गया. उसने अपना खड़ा लंड अचानक मम्मी की चूत में डाल दिया.
मम्मी अपने ऊपर अचानक हुए हमले से चौंक गईं और कसमसाने लगीं. तभी वो बंदा मम्मी को अपनी बांहों में उठा कर सोफे पर ले गया. उधर पोज में लेकर वो मम्मी की धकापेल चुदाई करने लगा,
मम्मी को किस भी करने लगा. मम्मी के मुँह से निकल रहा था- आ आह उह आ वो ओ … चोद दे जोर से चोद मादरचोद और जोर से चोद … आह भोसड़ा बना दे मेरी चूत का … और जोर से पेल आह.
यह सुनकर वो बंदा भी और उतेजित हो गया और मम्मी के बूब्स को जोर जोर से दबा दबा कर चोदने लगा. फिर उसने मम्मी को अपने लंड से नीचे उतारा और डॉगी स्टाइल में करके उनकि गांड मारने लगा.
वह मम्मी के बूब्स को किसी स्पॉन्ज की बॉल की तरह जोर जोर से दबा रहा था.
करीब 10 मिनट बाद वो थक गया और उसने मम्मी को अपने ऊपर आने को कहा. मम्मी भी गर्म थीं. वो ऊपर आकर चूत में लंड सैट करके चुदने लगीं और जोर जोर से कूदने लगीं.
वो बंदा भी कम नहीं था, वो भी मम्मी की गांड को जोर जोर से मसल रहा था. वो कभी उनकी गांड में चमाट मारता तो कभी बूब्स मसल देता. करीब 10 मिनट बाद मम्मी उसके ऊपर झड़ गईं और वो भी मम्मी की चूत के अन्दर अपना माल झाड़ कर लंड चूत में फंसा हुए ही निढाल हो गया.
वे दोनों सो गए. मम्मी और उस बंदे को ऐसी हालत में देख कर यामिनी चाची ने कहा- बस रोनी, अब सहन नहीं हो रहा,
चलो और मुझे बेडरूम में ले जाकर चोद दो. मैंने कहा- रुक जाओ मेरे पास एक आईडिया है कि मैं तुम तीनों को कैसे मज़ा दे सकता हूँ?
यह सुनकर यामिनी चाची ने कहा- कैसे? मैंने कहा- खेल खेलकर. यामिनी चाची ने कहा- खेल … कौन सा खेल? मैंने कहा- आप चलो मेरे रूम में … उन दोनों रंडियों को लेकर मैं वहीं कमरे में आ रहा हूँ.
चाची चली गईं. फिर मैं करीब 5 मिनट बाद अपने रूम में गया तो देखा कि वे तीनों रंडियां नंगी बैठी हुई थीं. यामिनी चाची ने कहा- अब जल्दी शुरू करो बेटे … कौन सा खेल खेलना है?
मैंने अपना पैंट शर्ट कच्छा बनियान खोल दिया और पूरा नंगा होकर बेड पर आ गया. मैंने उनसे कहा- मेरे हाथ में 3 परचियां हैं. इसमें से आप तीनों एक एक पर्ची उठा लो.
सभी ने एक एक पर्ची उठा ली. फिर मैंने पूछा- किसके पास कौन सी पर्ची है … बताओ?
शालिनी चाची ने कहा- मेरे पास बैंगन की है! यामिनी चाची ने कहा- मेरे पास लौकी की है. ज्योति चाची ने कहा- मेरे पास गाजर की है.
मैंने उन्हें वो सब लाकर दिया और कहा- सब इसको अपनी अपनी गांड में घुसाओ. तब सब लोगों ने मेरी बात सुन कर गांड में अपना अपना औज़ार डाल लिया. फिर मैंने उन्हें कहा- अब चूसो मेरे लंड को!
वो तीनों किसी भूखी शेरनी की तरह आकर मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया.
करीब 5 मिनट तक ऐसा चलता रहा. फिर मैंने कहा- शालिनी सोफे के पास आओ. मैं सोफे में जाकर बैठ गया और वो अपनी चूत मेरे लंड पर सैट करके चुदने लगीं.
तभी मैंने ज्योति चाची को इशारा कर दिया. वो मेरे मुँह के ऊपर आकर बैठ गईं और चूत चुसवाने लगीं. यामिनी चाची भी आकर शालिनी चाची की गांड चाटने लगीं.
करीब 5 मिनट बाद शालिनी चाची झड़ गईं और मेरे लंड से हट गईं. वे आराम करने मेरे बिस्तर में जाकर लेट गईं. अब मैंने ज्योति चाची से कहा- चलो बेड में आ जाओ.
वे आ गईं. मैंने उन्हें वहां लेटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर उन्हें चोदने लगा.
फिर यामिनी चाची से कहा- आप अपनी चूत चुसवाने आ जाओ. वे आकर ज्योति चाची के मुँह पर बैठ गईं और चूत चुसवाने लगीं. करीब 5 मिनट बाद मैंने ज्योति चाची से कहा- चलो अभी अपनी गांड दिखाओ.
वे तुरंत डॉगी स्टाइल में आ गईं. और मैंने उनकी गांड में अपना लंबा व मोटा लंड पेल दिया. वो मादक सिसकारियां लेने लगीं ‘ओह उइमा आह.’
फिर करीब 10 मिनट बाद वो थक गईं और झड़ कर सो गईं. अब बारी थी यामिनी चाची की. मैंने यामिनी चाची से कहा- आओ मेरे साथ … हम दोनों सेक्स रूम में चलते हैं.
वे भी खुशी खुशी मेरे साथ चल दीं. वहां जाकर मैंने उन्हें बेड पर लिटा दिया और उनके हाथ को बेड साइड से निकली हुई चैन से बांध दिया.
फिर मैं उनके ऊपर आकर उनको किस करने लगा, एक हाथ से उनकी चूत को सहलाने लगा. इसी बीच उन्होंने अपनी चूत का पानी छोड़ दिया.
मैंने उनसे कहा- अपने पैर उठाओ. उन्होंने उठा दिए. मैंने उनके पैरों को अपने कंधों के ऊपर रख दिया और चूत में लंड रगड़ने लगा.
उन्होंने मुझसे कहा- अब और मत तड़पाओ रोनी … प्लीज चोद दो अपनी चाची की चुदक्कड़ फुद्दी को … आ आ आ चोद दो.
मैं उनकी चूत में लंड घुसाने की जगह उनकी गीली चूत को जीभ से चाटने लगा. वे भी जोर जोर से सिसकारियां ले रही थीं. उनकी आंखें बंद थीं, वे पूरा मजा ले रही थीं.
उनके हाथ बंधे थे, नहीं तो वे मेरा सर जरूर ही अपनी चूत में ही घुसा लेतीं. मैंने अपनी जीभ हटा दी और अपना लंड रगड़ने लगा; फिर एक ही धक्के में लंड उनकी चूत में पेल कर जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया.
चुदाई के साथ मैंने उनके बूब्स पकड़ लिए और किसी स्पंज की बॉल की तरह जोर जोर से मसलने लगा. फिर मैंने उनकी चूत से लंड निकाल कर गांड में दे दिया और चुदाई करने लगा.
करीब 5 मिनट बाद मैंने फिर से चूत में लंड पेल दिया और चोदने लगा. इस बार वो जोर जोर से सिसकारियां ले रही थीं जिसकी वजह से पूरा रूम गूंज रहा था.
कुछ मिनट बाद उन्होंने कहा- बेटा मेरा होने वाला है … मैं छूट रही हूँ. मैंने कहा- हां मैं भी चाची. फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए. मैं अपना लंड चाची की चूत में घुसा कर सो गया.
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