नमस्कार साथियो, आप सभी को आपके नए साथी अनय तिवारी का प्रेम भरा नमस्कार। इस पर कहानी लिखने की हिम्मत पहली बार कर रहा हूँ। देहसुख पर लोग सच्ची, कपोल कल्पित दोनों तरह की कहानियां लिखते हैं और लोग इसे पसंद भी करते हैं।
मैं भी आप सभी के बीच अपनी एक सच्ची कहानी हॉट गर्ल सेक्स इन पीरियड्स लेकर हाजिर हूँ। जैसा कि रवायत है, सबसे पहले मैं अपने बारे में ही बता देता हूँ। मैं अभी तो लखनऊ में रहता हूँ पर देश के अलग-अलग शहरों में रहकर नौकरी करने का अवसर मिल चुका है।
देश भर की सुन्दरता निहारने और संतुष्ट होने का मौका भी भगवान कामदेव की कृपा से मुझे मिलता रहा है। मेरी हाईट करीब 5 फीट 7 इंच, रंग गोरा और वजन औसत है।
शरीर भी कोई बहुत जिम वाला नहीं है. पर चूँकि में शिक्षा के क्षेत्र में काम करता हूँ तो बोलने का, लिखने का शगल रहा है और लड़कियाँ मेरे इन्ही गुणों के चलते मुझसे आकर्षित होती रही हैं।
मेरे ख्याल से लड़कियाँ, लड़कों के सूरत से ज्यादा उनके अच्छे गुणों पर मरती हैं और लम्बे समय तक खुश रखने के लिए आपके लंड में इतनी ताकत होनी चाहिए कि आप जब भी मौका मिले उनकी चूत से पानी निकाल सकें।
यह कहानी आज से करीब डेढ़ साल पहले की है। मैंने दो साल पहले लखनऊ में एक फ़्लैट किराए पर लिया और नौकरी करने यहाँ आ गया। फ़्लैट सिस्टम की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें मकान मालिक आपके बाप नहीं बनते और आप अपने मन से कुछ भी कर सकते हैं।
करीबन डेढ़ साल पहले मैंने ऐसे ही मजाक-मजाक में मैंने बम्बल पर अपना एकाउंट खोला। सुंदर लखनवी लड़कियों की तलाश में ऐसे ही 50 से ज्यादा लड़कियों को राईट स्वैप किया।
करीबन 24 घंटे बाद एक लड़की जिसका नाम सुनयना शुक्ला था ने मुझे सन्देश भेजा। सबसे पहले उसने लिखा- हाय! मैंने लिखा- हाय! सुनयना- आप क्या करते हैं? मैंने लिखा- मैं यहाँ शिक्षा के क्षेत्र में काम करता हूँ. सुनयना-
मुझे आपकी प्रोफाइल पिक अच्छी लगी. मैंने लिखा- और मुझे आपकी हँसी वाली तस्वीर अच्छी लगी. इसके बाद चैट बंद हो गया। सुनयना ऑफलाइन हो गयी। पर मेरे दिल में प्यार के बीज बो गयी।
मैंने उसी शाम उसे अपना नम्बर दे दिया। रात में व्ट्सऐप चैट भी शुरू हो गयी। करीब 15 दिन बाद मैंने उसे कॉफ़ी पर अपने घर बुलाया। सुनयना ने पहले तो आने से मना किया, फिर जब मैंने थोड़े प्यार से बातें की तो वह मान गयी।
एक दिन रविवार को वह पूरा समय लेकर मेरे पास कॉफ़ी पीने आई। उसके आते ही मैंने सबसे पहले उसका स्वागत किया और फ़्लैट का दरवाजा बंद किया। चूँकि वो बरसात के दिन थे और एसी केवल बेडरूम में ही है तो मैंने उसे बेडरूम में ही बुला लिया।
फ्रिज से ठंडा पानी और मिठाई लाकर उसे दिया। पानी पीने और मिठाई खाने के थोड़ी देर बाद वह सहज हुई। अब हमने बातें शुरू की। वही बातें जी लड़का और लड़की पहली बार मिलने पर औपचारिकतावश करते हैं। घर-परिवार और नौकरी की बातें।
बातें करते-करते उसने कहा कि उसके सर में दर्द हो रहा है। वो उन दिनों मासिक धर्म से गुजर रही थी और ये बात मुझे उसी दिन थोड़ी देर बाद मालूम चली। मेरे कमरे में हॉट गर्ल थी और पता नहीं सेक्स इन पीरियड्स के लिए मानेगी या नहीं?
जनाब अब आप लोग सोच रहे होंगे कि मिठाई-पानी की बात तो ठीक है पर सुनयना दिखने में कैसी थी। तो चलिए पहले सुनयना के बारे में ही बात करते हैं। सुनयना की हाईट करीब 5 फीट 2 इंच, बदन भरा हुआ, बूब्स दोनों इतने कसे हुए थे कि उनके बीच में कोई पतला तिनका भी नहीं रखा जा सकता.
कमर औसत से थोड़ी मोटी और पानीदार बड़ी-बड़ी आँखें। वैसे भी मैं भरे बदन की लड़कियों को ज्यादा पसंद करता हूँ। वो क्या है कि जब धक्का लगाओ, लंड अन्दर डालो, बूब्स दबाओ तो ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हड्डी में धक्का लगा रहे हैं या फिर हड्डी दबा रहे हैं।
भरे बदन की लड़कियों की चूत मारना सबसे मजेदार काम होता है। दोनों पैर उठाकर घपाघप लेते रहने का सुख वही समझ सकता है जिसने भरी बदन की लड़कियों की चूत मारी हो। वापस कहानी पर आते हैं।
बाम लेकर मैं सुनयना के सर पर धीरे-धीरे मलने लगा। उसकी आँखें बाम के चलते बंद होने लगी। जैसे-जैसे वह आँखें बंद करती गयी, मेरे दिल की धडकन भी बढ़ती गयी। आखिर ऐसा होता भी क्यों नहीं?
इतनी सुंदर और भरे बदन की मलिका मेरे सामने जो बैठी थी। अब मैं धीरे से सुनयना के और करीब गया और उसे अपनी बाहों में लेकर बिस्तर पर लिटा दिया। बाहर बादल घिरने लगे थे, उमस काफी थी तो मैंने एसी चलाकर तापमान 22 डिग्री सेट कर दिया।
अब नजारा बड़ा ही दिलकश हो उठा। हल्के से कम्बल में सुनयना लेटी थी। मैं कम्बल के बाहर लेटा था। बाम के चलते सुनयना की आँखें पहले से ही बंद थी। उसकी साँसें थोड़ी तेज चलने लगी और उसके बूब्स का ऊपर नीचे होने का स्पष्ट नजारा दिखने लगा।
दोस्तो, एक बात ध्यान रखिये। लड़के चाहे कितनी भी होशियारी बघारे, पर लड़की की चूत में लंड तब तक नहीं घुसा सकते जब तक उसकी मर्ज़ी ना हो। ऐसे में अगर सुनयना पहली ही बार आकर मेरे कम्बल में लेट गयी तो इसका मतलब यही था कि उसे मेरे लंड से चुदने में इंटरेस्ट तो था ही।
उसकी गर्म सांसों ने मुझे बेकाबू कर दिया। मैं अब धीरे से सुनयना के साथ कम्बल में चला गया। कम्बल में जाकर मैंने उसे धीरे से गले लगा लिया। सुनयना ने धीरे से आँखे खोली और बिना कुछ बोले मेरे सीने से आकर लग गयी।
अब मेरी उंगलियां सुनयना की पीठ पर चलने लगी। उसकी टीशर्ट के ऊपर से मैं उसके ब्रा की स्ट्रिप महसूस कर सकता था। किसी लड़की की ब्रा अक्सर लड़कों के लिए इंद्रजाल से कम नहीं होती।
इंद्रजाल में फँसने की चाहत हर लड़के की होती है। धीरे-धीरे मेरी उँगलियों का जादू चलने लगा और सुनयना आहें बढ़ने लगी। करीब 15 मिनट सहलाने के बाद मैंने उसका टीशर्ट उतार दिया;
साथ में अपना टीशर्ट और लोअर भी। दोस्तो जब तक स्किन से स्किन पूरी तरह टच नहीं होता, चुदाई में मजा नहीं आता। आपके सीने से लड़की का वक्ष दबा हो, आपका लंड चूत में घुसा हो और हाथ पूरे बदन पर कलाबाजियाँ करते रहें तो देखिये कि लड़की कितनी जल्दी आर्गेज्म पाती है।
जैसे ही मैंने उसकी ब्रा उतारी, उसे लगा कि अब सेक्स तो होकर रहेगा, तभी उसने बम फोड़ दिया कि उसका पीरियड चल रहा है। मेरा खड़ा लंड मायूस होने लगा था।
पर मैंने सोचा की चलो देखता हूँ शायद दूसरे दरवाजे से प्रवेश मिल जाए। फिर भी मैंने उससे बोला कि कोई बात नहीं, जरूरी नहीं कि पहली बार में हम सेक्स करें ही। तब तक ऐसे गले लगकर सो तो सकते हैं ना!
लड़के ऐसे ही बकचोदी की बातें करते हैं जबकि उनका मूल लक्ष्य बिल्ली मारना ही होता है। खैर मैंने उसके एक निप्पल को मुँह में डालकर चूसना शुरू किया और दूसरे को हाथ में लेकर रगड़ना।
अब वह पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी। वह बोलने लगी- अनय प्लीज़ और तेज सक करो. जितना तेज दबा सकते हो दबाओ. मैं लड़की का निमन्त्रण पाकर और जोश में आ गया और पूरे शरीर पर लव बाईट देने लगा.
आधे घंटे में उसके दोनों बूब्स पर, पीठ पर, गर्दन पर मेरे दांतों के निशाँ थे। मेरी भी गर्दन पर उसने काट खाया था। सुनयना जैसे ही और ज्यादा जोश में आई, उसने मेरा लंड हाथों में लेकर हिलाना शुरू किया।
लड़की शायद जानती थी कि चाहे सिरप हो या लंड उस यूज में लेने के पहले अच्छे से हिलाना ही बेहतर होता है। अब हम दोनों के बदन में इतनी गर्मी हो गयी थी कि 22 डिग्री वाली एसी भी किसी काम की नहीं रही।
कम्बल दूर फेंका गया। अब सुनयना उठकर बैठी और ललचाई नज़रों से मेरे लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगी। करीब 10 मिनट हिलाने के बाद जब मेरा लंड और कड़ा हो गया तो मैंने उसके सर को अपने लंड पर झुका दिया।
लड़की होशियार थी; इशारा समझ गयी और लंड को सीधे अपने मुँह में रख कर चूसने लगी। मुझे बेड पर लेटे-लेटे ही स्वर्ग दिखने लगा। सुनयना ने मेरा पूरा लंड अपने गले तक भर लिया।
जोश में मैंने जैसे ही धक्का दिया वह खाँसने लगी। मैंने उसे खाँसते देखकर लंड बाहर निकाल लिया। उसने गुस्से से मुझे देखा और फिर लंड अपने मुँह में भरकर ओरल सेक्स करने लगी।
मैंने यह कई बार महसूस किया है कि अपने हाथ से हिलाने पर जल्दी वीर्य बाहर आता है, जब कोई दूसरा हिला रहा होता है है तो थोड़ा ज्यादा टाइम लगता है। जिस तरह से हर पैदा हुआ आदमी एक न एक दिन मरता ही है वैसे ही खड़ा लंड किसी न किसी मिनट पर झड़ता ही है।
तो मेरे लंड के भी झड़ने की शुभ घड़ी आ ही गयी और मैंने सुनयना के मुँह में ही अपना वीर्य गिरा दिया। एक कुशल प्रेमिका की तरह सुनयना ने मेरे लंड से निकले सारे वीर्य को गटक लिया और निढाल होकर मेरे सीने पर लेट गयी।
जब लड़की एक बार लंड हाथ में ले ले तो फिर उसका मन चूत चुदाई का होने ही लगता है। अब अगर वह मासिक धर्म से है तो भी मन तो मन ही है। आखिर मन में चुदाई के ख्याल आने से कौन रोक पाता है।
झड़ने के बाद मेरा लंड वैसे ही मुरझा गया था जैसे चुनाव हारने के बाद नेता मुरझा जाते हैं। पर अब सुनयना पूरी तरह से चुदाई के मूड में थी तो उसने लंड को दुबारा टिस्यू से साफ़ करने के बाद हिलाना शुरू किया।
जब दुबारा मेरा लंड हरकत में आया तो मैंने भी सुनयना की पैंटी उतार दी। पैंटी उतारने के बाद पैड भी धीरे से निकाल दिया और वाइप पेपर से पूरी चूत की सफाई की।
आपको भी यह हमेशा ध्यान रहना चाहिए कि पीरियड में चुदाई के लिए सफाई बड़ी जरूरी है। अब सुनयना की आँखों में वासना की लहरें फिर से हिलौरें लेने लगी थी और वह पूरी तरह से चुदने के मूड में आ गयी।
मैं खड़ा लंड लेकर बैठ गया और सुनयना को बेड में लिटा दिया। उसके नाजुक हाथ लंड हिलाकर थक गए थे तो उन्हें आराम करने को कहा और खुद उसकी टांगों को फैलाकर उसके बीच में बैठ गया।
वाइप पेपर के चलते चूत से खून के धब्बे मिट गए थे। मैंने अपना लंड धीरे से सुनयना की चूत पर रखा और एक जोर का धक्का दिया। सुनयना ने एक प्यारी से आह भरी।
मेरा लंड आसानी से अन्दर चला गया, इससे मुझे इसबात का पता तो लग ही गया कि सुनयना खेली-खाई चुदासी लड़की है। खैर तेज होती सांसों के साथ लंड के धक्के भी तेज होने लगे।
दोनों लोग आआह्ह ह्हह की आवाज निकालने लगे। मेरा लंड मानो किसी तप्त भट्टी में घुस गया हो। वैसे भी पीरियड वाली चूतें कुछ ज्यादा ही गर्म होती है।
करीब 10 मिनट तक धक्के लगाने के बाद हम दोनों एक साथ ही झड़ गए। चूत से मेरा वीर्य फिसलने लगा जिसे फिर वाइप पेपर से साफ़ करना पड़ा। लगातार दो बार झड़ने के चलते मैं थोड़ा सा थक गया था।
फिर मैं सुनयना के ऊपर ही सो गया। करीबन 1 घंटे सोने के बाद मेरी नींद खुली। हम दोनों बिना कपड़ों के एक साथ जन्मजात नंगे लेटे हुए थे। सुनयना साक्षात् प्रेम की देवी लग रही थी,
उसके बदन की आदिम महक मुझे पागल बना रही थी। फिर मैं नंगा ही उठकर गया और फ्रिज से कोक लाया। कोक पीते-पीते हम दोनों फिर से दुबारा गर्म हो गए और कोकशास्त्र की अलग-अलग विधियों में लिप्त हो गए।
वह पहला दिन था और आज का यह दिन दो सालों में सुनयना को मैंने हर एंगल से चोदा है। वह मेरा वीर्य पीना काफी पसंद करती है।
धीरे-धीरे हम दोनों में प्यार बढ़ता जा रहा है। देह से नेह तक पहुँचने की यह यात्रा अनवरत चलती रहे बस यही मेरी जिन्दगी की कामना है। चुदती सुनयना की मोहक तस्वीर मेरे लिए इस दुनिया की सबसे प्यारी तस्वीर है।
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